

हल्द्वानी, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आम्रपाली विश्वविद्यालय में धामी सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कई शिक्षाविदों एवं वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अध्यक्ष एनटीए प्रो. प्रदीप जोशी, विधायक बंशीधर भगत, महापौर हल्द्वानी गजराज बिष्ट, कुलपति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ( नवीन चन्द्र लोहनी, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, पूर्व कुलपति दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय प्रो. धनन्जय जोशी, अध्यक्ष मीडिया सलाहकार समिति उत्तराखण्ड सरकार प्रो. गोविन्द सिंह, अध्यक्ष उत्तराखण्ड जनसख्या विश्लेषण समिति दिनेश मानसेरा जी, कुलपति आम्रपाली विश्वविद्यालय प्रो. नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। महानिर्देशक यूकॉष्ट देहरादून प्रो. दुर्गेश पन्त एवं कुलपति कुमांऊ विश्वविद्यालय नैनीताल प्रो. दीवान सिंह रावत ने ऑन लाईन माध्यम से श्रोताओं को संबोधित किया।
आम्रपाली विश्वविद्यालय के सीईओ डा. संजय ढींगरा, सचिव श्रीमती बिन्दू चावला, संयुक्त सचिव मंयक ढींगरा, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मदनमोहन सती द्वारा रचित पुस्तक “उत्तराखण्ड का कर्मयोगी पुष्कर सिंह धामी” का विमोचन भी किया गया।
तीन चरणों में विभाजित इस कार्यकम के पहले सत्र में कुलपति आम्रपाली विश्वविद्यालय प्रो. नरेन्द्र सिंह बिष्ट, विधायक बंशीधर भगत, अध्यक्ष एनटीए प्रो. प्रदीप जोशी ने विचार व्यक्त किए। प्रो. नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने धामी सरकार की पिछले चार वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये परिवर्तनकारी कानूनों और संस्थागत सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उत्तराखण्ड में शासन को सुद्रढ़ बनाने एवं समावेशिता को बढ़ावा देने और समग्र समाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में इन पहलों के महत्व पर बल दिया। बंशीधर भगत जी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यनिष्ठा एवं उनके द्वारा लिये गये निर्णयों की प्रसंशा की।
प्रो. प्रदीप जोशी ने राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की परिर्वतनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन विधियों में नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही उन्होंने मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता, नई शिक्षा नीति, कौशल आधारित शिक्षा, उद्यमिता विकास तथा समावेशी एवं प्रौद्योगिकी संचालित और परिणाम उन्मुख शिक्षा पारिस्थितिकी तत्र बनाने आदि विषयों पर चर्चा की ।
(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता