Madhya Pradesh

सीहोरः कलेक्टर-एसपी ने वीआईटी कॉलेज पहुंचकर लिया हालातों का जायजा

सीहोरः कलेक्टर-एसपी ने वीआईटी कॉलेज पहुंचकर लिया हालातों का जायजा

– कॉलेज प्रबंधन एवं अधिकारियों को छात्रों की शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

सीहोर/भोपाल, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कोठरी स्थित वीआईटी कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों द्वारा भोजन एवं पेयजल की गुणवत्ता सहित अन्य व्यवस्थागत समस्याओं को लेकर दर्ज कराए गए विरोध के बाद उत्पन्न स्थिति पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को कलेक्टर बालागुरू के. एवं एसपी दीपक कुमार शुक्ला कॉलेज पहुंचे और संपूर्ण घटनाक्रम के बारे में कॉलेज प्रबंधन एवं संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना के मूल कारणों की विस्तार से जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की मूलभूत सुविधाओं के साथ किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। कलेक्टर एवं एसपी ने अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया कि छात्रों की शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पीएचई एवं खाद्य सुरक्षा विभाग को भोजन एवं पेयजल के सैंपल लेने और शीघ्र जांच रिपोर्ट प्राप्त कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

इसके साथ ही बीएमओ और मेडिकल टीम को परिसर में सतत तैनात रखते हुए छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने एसडीएम एवं एसडीओपी को कॉलेज प्रबंधन को आवश्यक सुधारात्मक निर्देश लिखित रूप में जारी करने तथा भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशीलता के बाद वर्तमान में कॉलेज परिसर एवं आसपास के क्षेत्र में स्थिति सामान्य है तथा पुलिस एवं प्रशासन की टीम लगातार निगरानी बनाए हुए है। इस दौरान आष्टा एसडीएम श्री नितिन टाले सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पीएचई विभाग द्वारा जल स्रोतों के लिए गए सैंपलकलेक्टर के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं आष्टा के विभागीय अमले द्वारा वीआईटी कॉलेज के सभी बोरवेल, अंडरग्राउंड टैंक एवं वाटर कूलर से पेयजल के सैंपल कलेक्ट किए गए है, जिन्हें परीक्षण के लिए जिला जल प्रयोगशाला भेजा गया है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी मंत्री ने घटना पर लिया संज्ञान, प्रशासन को दिये निर्देशवीआईटी कॉलेज में दूषित भोजन खाने से विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खराब होने की घटना और छात्रों द्वारा प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त होने पर संज्ञान लेते हुए पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने सीहोर कलेक्टर बालागुरू के.,एसपी दीपक कुमार शुक्ला तथा कॉलेज प्रबंधन से घटना की विस्तृत जानकारी ली।

प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के साथ ही छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए संस्थान में कुछ दिनों का अवकाश घोषित करने को भी कहा, जिससे छात्र आराम कर सकें और स्थिति सामान्य होने के साथ ही वापस लोटने पर सहज महसूस कर सकें।

मंत्री कृष्णा गौर ने निर्देश दिए कि कॉलेज की मेस एवं भोजन व्यवस्था का तत्काल परीक्षण कर उसे दुरुस्त किया जाए तथा भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुधार कर सुचारू किया जाए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि घटना पर प्रशासन सतर्क है और स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। इस घटना के तुरंत बाद ही पुलिस एवं प्रशासन की टीम ने घटना स्थना पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया है।

दरअसल, वीआईटी (वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटी के छात्र अव्यवस्थाओं को लेकर दो दिन से उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग में कुछ छात्रों ने आग लगा दी। हालात बिगड़ते देख कैंपस में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी कैंपस में बुलाया गया। टीम ने मेडिकल टेस्ट के लिए सभी छात्रों के ब्लड सैंपल लिए।

छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी में भोजन और पानी की खराब क्वालिटी के कारण हमारे कई साथियों को पीलिया हो गया है। करीब 100 छात्र अस्पतालों में भर्ती हैं। कुछ की मौत भी हुई है। हमने जब विरोध में आवाज उठाई तो गार्ड ने हमारे साथ मारपीट की। इसका वीडियो भी है। मारपीट की घटना के बाद मंगलवार रात 4 हजार छात्रों ने कैंपस में बस और कारों में आग लगा दी। 5 थानों से पुलिस बल बुलाना पड़ा।

आष्टा एसडीओपी आकाश अमलकर के अनुसार, घटना के दौरान कुछ वीडियो मिले हैं, जिसमें कुछ वार्डन/ गार्ड छात्रों के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं। मामले में प्रशांत कुमार पांडे एवं अन्य के खिलाफ बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं अन्य धाराओं में केस दर्ज किए गए।

हंगामे के बाद देर रात वीआईटी प्रबंधन ने अचानक सभी छात्रों को मेल भेजा कि “कैंपस तुरंत खाली करें, कॉलेज 30 नवंबर तक बंद रहेगा।” इसके कुछ समय बाद एक और मेल आया कि छुट्टी बढ़ाकर 8 दिसंबर तक कर दी गई है। बता दें वीआईटी में करीब 16 हजार छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से 13 हजार छात्र और 2 हजार छात्राएं आठ हॉस्टलों में रहते हैं। मेल मिलते ही छात्रों का घर लौटना शुरू हो गया। कैंपस खाली होते ही छात्रों को हाईवे तक जाने के लिए वाहन नहीं मिले। हजारों छात्र अपने बैग लेकर पैदल एक किलोमीटर दूर हाईवे तक पहुंचे।

रजिस्ट्रार बोले- 33 छात्र-छात्राओं में पीलिया के लक्षणवीआईटी के रजिस्ट्रार केके नायर ने कहा कि 26 नवंबर तक कुल 33 छात्र-छात्राओं में पीलिया के लक्षण मिले हैं। इन सभी ने परामर्श के बाद घर लौटने का निर्णय लिया है। दो दिन में मामलों में कमी आई है। जिला चिकित्सा अधिकारी, सीएमएचओ, एंटोमोलॉजी टीम, बीएमओ और एसडीएम के निरीक्षण में परिसर की स्वच्छता, भोजन और पेयजल व्यवस्था संतोषजनक पाई गई है।

डीन बोले- प्रोफेसर दास की मौत का घटना से संबंध नहींवीआईटी के डीन सुरेश एम ने एक मामले में स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर संग्राम केसरी दास (43 वर्ष) की मौत सीहोर स्थित उनके मकान में हुई। वह वहां किराए से रहते थे। उनकी मौत का वीआईटी में कल रात हुई घटना से कोई संबंध नहीं है।

(Udaipur Kiran) तोमर