Madhya Pradesh

सीहोरः उत्कृष्ट कार्य करने वाली जिले की 20 ग्राम पंचायतों को किया गया पुरस्कृत

सीहोरः उत्कृष्ट कार्य करने वाली जिले की 20 ग्राम पंचायतों को किया गया पुरस्कृत

– पंचायत उन्नति सूचकांक के तहत जिला पंचायत सभाकक्ष में प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

सीहोर, 7 अगस्त (Udaipur Kiran) । पंचायतीराज मंत्रालय के निर्देशानुसार समग्र विकास के प्रदर्शन के मापक के रूप में पंचायत उन्नति सूचकांक PAI 1.0 (Panchayat Advancement Index) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस संबंध में मध्य प्रदेश के सीहोर जिला पंचायत सभाकक्ष में गुरुवार को प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में PAI 1.0 (पंचायत उन्नति सूचकांक) के अंतर्गत 09 थीम में सर्वोच्च कार्य करने वाली जिले की 20 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया गया। इन 20 ग्राम पंचायतों में सबसे बेहतर प्रदर्शन ग्राम पंचायत मोगरा ने किया है। इसके साथ ही कार्यक्रम में जिले की सभी ग्राम पंचायतों की रैंकिंग स्थिति पर भी थीमवार चर्चा की गई।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी प्रतिनिधि अपनी ग्राम पंचायतों को तेजी विकसित करने और राज्य स्तर पर और अधिक बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करें, ताकि न सिर्फ पंचायत उन्नति सूचकांक के लक्ष्यों को पाया जा सके, बल्कि ग्राम पंचायतों को विकसित भी किया जा सके। कार्यशाला में प्रशिक्षक द्वारा ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिव और जीआरएस सहित अधिकारियों को PAI 2.0 पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने और अपने ग्रामीण क्षेत्र को विकसित बनाने सबंधी अनेक बिंदुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

इन ग्राम पंचायतों को किया गया पुरस्कृत

कार्यक्रम में ग्राम पंचायत मोगरा, सिद्दीकगंज, जोगला, बावरी, मुगली, रिठवाड़, गोपालपुर, जाफराबाद, खाड़ी, बकतरा, मेतवाड़ा, जैत, मैना, भोनरा, हाथीघाट, अकोला, बोरी, खोहा, धामंदा, होलीपुरा को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वाली पंचायतों में प्रथम 10 ग्राम पंचायतों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया गया तथा 11 से 20 तक की रैंक वाली ग्राम पंचायतों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

क्या है पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI)

पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) एक बहु-आयामी और बहु-क्षेत्रीय सूचकाक है, जिसका उपयोग पचायतों के समग्र, समावेशी विकास, प्रदर्शन और प्रगति का मूल्याकन करने के लिए किया जाता है। यह सूचकांक पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानीय समुदायों की समृ‌द्धि और विकास की स्थिति को समझने के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों और मापदंडों पर केंद्रित होता है। आमतौर पर यह सूचकांक सड़क, बिजली, जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा, साक्षरता दर, विद्यालयों में नामांकन की स्थिति, आय स्तर, रोजगार के अवसर, कृषि उत्पादकता, स्थानीय आर्थिक गतिविधियाँ, गरीबी की दर, लैंगिक समानता, सामाजिक समावेशन, जीवन में समग्र गुणवत्ता, स्थानीय शासन की दक्षता और पारदर्शिता, सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी और नागरिकों की भागीदारी, पर्यावरण संतुलन, संरक्षण तथा सतत विकास से संबंधित उपायों को शामिल करना आदि प्रमुख पहलुओं पर आधारित है।

पंचायत उन्नति सूचकांक (Panchayat Advancement Index) पंचायत क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में किन बातों पर सुधार की जरूरत है, यह समझने में जनप्रतिनिधियों, नीति बनाने वालों, सरकारी विभागों और स्थानीय अधिकारियों की मदद करता है। यह सूचकांक यह बताता है कि कहाँ-कहाँ विकास में कमी है, कहाँ लक्ष्य पूरे हो रहे हैं और किन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके आधार पर योजनाएं बनाई जा सकती हैं ताकि गांवों में रहने वाले लोगों का जीवन बेहतर हो सके।

(Udaipur Kiran) तोमर

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