
हिसार, 19 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन का चमकता चेहरा आम जनमानस के सामने आ गया है। हाल ही में प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत करके घटिया सामग्री प्रयोग किए जाने का मामला सामने आया है। इसके चलते पहली कड़ी में विभाग के 70 अधिकारियों पर गाज गिरती हुई नजर आ रही है। इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट और विभागीय कार्रवाई होने जा रही है। यह बात अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने सामने आए मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने बताया कि विभाग की मंत्री श्रुति चौधरी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी है। उन्होंने बताया कि इन कथित दागी अधिकारियों में दो मुख्य अभियंता, आठ अधीक्षक अभियंता, 12 कार्यकारी अभियंता व 28 उपमंडल अभियंता शामिल हैं।एमएल सहगल ने कहा कि प्रदेश सरकार का राजस्व विभाग भी भ्रष्टाचार की बीमारी से बच नहीं पाया है। विभाग के 129 वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों के खिलाफ सर्विस रूल्स एक्ट की धारा 7 व 8 के आधीन चार्जशीट का मसौदा तैयार है। राजस्व विभाग की कमान बतौर मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के अधीन है। इसलिए इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होना सुनिश्चित माना जा रहा है।परिसंघ चेयरमैन एमएल सहगल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री श्रुति चौधरी व मुख्य प्रधान महासचिव राजेश खुल्लर से उक्त मामलों की गंभीरता को समझते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने की मांग की है ताकि इन मामलों का निपटारा करते हुए कथित दोषी अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को लपेटे में न ले सकें।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
