
जम्मू, 30 जून (Udaipur Kiran) । सुरक्षाबलों ने सोमवार को वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले अंतिम तैयारियों के तहत जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यापक और संयुक्त मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास का उद्देश्य 3 जून से शुरू होने वाली तीर्थयात्रा से पहले सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन की सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करना था।
विभिन्न सुरक्षा इकाइयों की तत्परता और समन्वय का परीक्षण करने के लिए ड्रिल के दौरान बसों को पूर्ण सुरक्षा कवर के तहत भेजा गया। अभ्यास में भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपातकालीन परिदृश्यों का अनुकरण किया गया जिसमें फंसे हुए तीर्थयात्रियों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया, निकासी और चिकित्सा सहायता पर ध्यान केंद्रित किया गया। सिमुलेशन में फंसे हुए वाहनों को बचाना, घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान करना और आपदा प्रतिक्रिया और सुरक्षा टीमों द्वारा एकीकृत प्रयासों के माध्यम से त्वरित राहत का समन्वय करना शामिल था।
अधिकारियों के अनुसार तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को 2 जून को जम्मू बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। यात्रा अगले दिन पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से शुरू होगी। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार वैश्य ने कहा कि पूरी ड्राई रन प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि डिवीजनल कमिश्नर, आईजी और सभी वरिष्ठ अधिकारी ड्रिल की पूरी ड्राई रन प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही यहां सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सरस्वती धाम में टोकन वितरित किए जाएंगे। हम लोगों से बड़ी संख्या में आने का आग्रह करते हैं। हम उन्हें सभी आवश्यक चीजें मुहैया कराएंगे और किसी को कोई समस्या नहीं होगी। हमारे पास हर चीज के लिए पूरी तैयारी है।
जम्मू दक्षिण के एसडीएम मनु हंसा के अनुसार, सरस्वती धाम में टिकट काउंटर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों के लिए 1,000-1,000 टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे। मौसम को ध्यान में रखते हुए यात्रियों के लिए वाटरप्रूफ वेटिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है। 13 साल से कम उम्र के बच्चों और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को इस यात्रा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इससे पहले रविवार को भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (जेकेएसडीआरएफ) द्वारा समरोली और तोल्डी नाला में संयुक्त रूप से इसी तरह का मॉक लैंडस्लाइड अभ्यास किया गया था। यह जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के प्रमुख हिस्से हैं। ये क्षेत्र तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र तीर्थस्थल पर जाने के लिए महत्वपूर्ण पारगमन बिंदु हैं। इस बीच सीआरपीएफ ने यात्रा मार्गों पर निगरानी बढ़ा दी है, गश्ती दलों के साथ-साथ के-9 डॉग स्क्वॉड तैनात किए हैं और राजमार्ग की सुरक्षा को मजबूत किया है, खासकर उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
