
औरैया, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के अजीतमल ब्लॉक में वर्षों से जमे ग्राम पंचायत अधिकारी या ग्राम पंचायत विकास अधिकारी का 15 दिन पहले तबादला कर दिया गया। तबादला के बाद इन सचिवों को रिलीव कर अगले दिन नवीन स्थान पर ज्वाइन करना था। सचिवों ने ग्राम पंचायतों में लाखों का विकास कार्य करा दिए थे, उनके भुगतान बाकी थे। आराेप है कि तबादला होते ही सचिवों ने अधूरे विकास कार्यों और कुछ फर्जी बिल-बाउचर लगाकर लाखाें का भुगतान कर दिया है।
अजीतमल विकास खंड में सचिवों के तबादले के बाद खंड विकास अधिकारी अतुल यादव की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारियों को रिलीव नहीं किया। वहीं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) ने तबादला होने के बाद उनके डोंगलों को अपंजीकृत नहीं किया। जिसके चलते सचिव उन डोंगलो से भुगतान करते रहे। सबसे ज्यादा भुगतान हैंडपंप रिबोर और हैंडपंप मरम्मत के नाम पर किया गया।
अजीतमल विकास खंड में तैनात ग्राम पंचायत विकास अधिकारी योगेंद्र कुशवाहा का बीते माह 13 जून को सहार ब्लॉक में ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन तबादला आदेश जारी होते ही उन्होंने पंचायतों में भुगतान करना शुरू कर दिया। सहायक विकास अधिकारी की ओर से उनका डोंगल अपंजीकृत नहीं किया गया। जिसके चलते सचिव योगेंद्र कुशवाहा ने ग्राम पंचायत हैदरपुर में 7,44,383 रुपये, ग्राम पंचायत ऊंचा में 80,700 रुपये, ग्राम पंचायत बहादुर ऊंचा में 2,10,481 और अलीपुर में 1,01,484 रुपये का भुगतान कर दिया। वही अन्य सचिवों ने भी तबादले के बाद भुगतान किया है। तबादले के बाद सभी सचिवों के डोंगल(भुगतान के लिए लगना वाली ड्राइव) की जांच हो जाए, तो इसमें और भी फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। तबादले के बाद वित्तीय भुगतान करना पूरी तरह से गलत है।
खंड विकास अधिकारी अतुल यादव ने तबादले के बाद भुगतान के संबंध में कहा कि यदि ऐसा किया गया है तो उनकी जांच कराई जाएगी। वही जब उनसे डोंगल अपंजीकृत न किए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने फोन काट दिया।
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(Udaipur Kiran) कुमार
