
लखनऊ, 30 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि स्कूल चलो अभियान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार हर स्तर पर तैयार है। यह अभियान शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का सजीव उदाहरण है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने का हमारा संकल्प है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ पा रहा है, तो शिक्षा स्वयं उसके द्वार तक पहुंचे।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि जब नेतृत्व संकल्प ले और प्रशासन संजीवनी देते रहे तो परिवर्तन केवल लक्ष्य नहीं, परंपरा बन जाता है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में शिक्षा को सामाजिक समावेशन और समान अवसर का मजबूत आधार बनाया जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत के साथ ही एक जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक ‘स्कूल चलो अभियान’ का द्वितीय चरण पूरे प्रदेश में जोर शोर से संचालित किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जिलों को अभियान के संचालन के लिए दो लाख की धनराशि पहले ही जारी कर दी है। यह केवल एक नामांकन अभियान नहीं होगा, बल्कि उन बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने की कोशिश है जो अब तक स्कूल से दूर रहे हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद 1 जुलाई से विद्यालय खुलते ही समस्त परिषदीय विद्यालयों को स्वच्छ, सुंदर और उत्सवमय रूप में सजाया जाएगा। हर छात्र-छात्रा का रोली-चंदन, पुष्प-मालाओं और मधुर व्यंजनों से स्वागत किया जाएगा। इस दिन के मध्यान्ह भोजन में विशेष रूप से हलवा और खीर जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे, ताकि बच्चों को स्नेह, अपनत्व और उत्साह का अनुभव हो।
संदीप सिंह ने कहा कि ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र और एसएमसी सदस्य घर-घर जाकर बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करेंगे। ड्रॉपआउट या आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों की पहचान कर उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बार-बार दोहराया जाता रहा है कि 6 से 14 वर्ष का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। यह सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा के आंकड़ों की निगरानी और पोर्टल पर अपडेट होना चाहिए। नामांकन से संबंधित डेटा को विद्यालय पंजिका, यू-डायस और प्रेरणा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाएगा। प्रेरणा पोर्टल के एसएमसी मॉड्यूल में डीसीएफ तैयार किया गया है, जिसकी प्रविष्टि 30 जुलाई, 2025 तक कराना सुनिश्चित किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद एवं विकास खंड स्तर पर गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी, जहाँ आउट ऑफ स्कूल बच्चों की स्थिति, छात्र नामांकन और उपस्थिति पर समीक्षा की जाएगी। इन आँकड़ों के आधार पर रणनीति और कार्ययोजना तय कर क्रियान्वयन होगा।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
