
धर्मशाला, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । द्वितीय भारतीय आरक्षित वाहिनी (आईआरबी) सकोह धर्मशाला के स्थापना दिवस एवं रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में सोमवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश पुलिस महानिदेशक डीजीपी अशोक तिवारी ने मुख्यातिथि के रूप से शिरकत की। समारोह का आगाज परेड के साथ किया गया, जिसमें मुख्यातिथि को सलामी भी दी गई। कार्यक्रम में आरक्षित वाहिनी की स्मारिका का भी विमोचन किया गया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
पुलिस के समक्ष नशा, साईबर व अंतरराष्ट्रीय क्राइम नई चुनौतियां : डीजीपी
डीजीपी ने बतौर मुख्यातिथि अशोक तिवारी ने कहा कि आज का दिन गौरव व बलिदान का प्रतीक है। बटालियन के हर एक सदस्य ने अपने अनुशासन व कार्य से पूरे हिमाचल की पुलिस को गौरवांवित किया है। 2005 में हिमाचल पुलिस के जवान जम्मू-कश्मीर की सीमा के साथ लगती चंबा की पहाड़ियों तक पहुंचे थे। इस दौरान धरातल में जवानों की जमीनी स्तर के कार्य करने की क्षमता देखी थी।
डीजीपी तिवारी ने कहा कि आज के दौर में पुलिस का कार्य भी बदल चुका है, नशा, साईबर, अंतरराष्ट्रीय क्राइम व अन्य नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ऐसे में सीखने की प्रक्रिया लगातार जारी रखते हुए अपराधियों को पकड़ने व उनसे हमेशा आगे रहने के प्रयास करने हैं। डीजीपी ने कहा कि सेना की तरह पुलिस को भी हमेशा अपने कार्य के लिए तैयार रहना होगा। असली पुलिस कर्मी वही है, जो अपनी ड्यूटी पर जाने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को हर शिकायत को गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है।
वहीं, कार्यक्रम में पुलिस जवानों एवं स्थानीय कलाकारों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। जिन्होंने गीत, नृत्य, पंजाबी, हिमाचली नाटी और नाट्य प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
