प्रयागराज, 03 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के सहयोगी बबलू उर्फ बल्लू मुस्लिम की दूसरी जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने बबलू के वकील और अपर शासकीय अधिवक्ता को सुनकर दिया है। बबलू की पहली जमानत अर्जी गत वर्ष नामंजूर की जा चुकी है। बबलू के अधिवक्ता का कहना था कि याची 25 अगस्त 2020 से जेल में बंद है। ट्रायल की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार कुल 102 अभियोजन गवाहों में से अब तक सिर्फ 16 की गवाही हुई है। याची का घटना के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे से कोई सीधा जुड़ाव नहीं था। उस पर जो आरोप लगे है, उन्हीं आरोपों में अन्य अभियुक्तों की जमानत हो चुकी है।
अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि घटना काफी गंभीर है। अभियुक्तों ने सीधे प्रशासन को चुनौती दी थी। पुलिस अधिकारियों की हत्या की गई और आतंक कायम करने के इरादे से घटना को अंजाम दिया गया। कोर्ट ने कहा कि घटना की प्रकृति को देखते हुए आरोपी की जेल में निरुद्धि को लंबी अवधि नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज़ करते हुए कहा कि यदि एक वर्ष बाद ट्रायल आगे नहीं बढ़ता तो याची जमानत की मांग फिर कर सकता है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
