
नई दिल्ली, 23 जून (Udaipur Kiran) । टिकाऊ और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के तहत एक ‘नवरत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) ने ग्रीन अमोनिया के उठाव के लिए एक ऐतिहासिक निविदा जारी की है। इसका उद्देश्य भारत के उर्वरक क्षेत्र को कार्बन मुक्त करना है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया कि एसईसीआई ने 13 उर्वरक संयंत्रों के लिए सालाना 724,000 टन ग्रीन अमोनिया खरीदने के लिए एक ऐतिहासिक निविदा जारी की है। इसका उद्देश्य उत्सर्जन में कमी लाना और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करना है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (एसआईजीएचटी) योजना के तहत 7 जून को जारी यह निविदा, कृषि में स्वच्छ विकल्पों की ओर भारत के कदम की दिशा में एक अहम कदम है। इसके लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 26 जून, 2025 है।
एसईसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में संतोष कुमार सारंगी के शामिल होने के बाद इस ऐतिहासिक पहल को शुरू किया गया। इसका उद्देश्य भारत के महत्वपूर्ण उर्वरक क्षेत्र को कार्बन मुक्त करना और देश को 2070 तक अपने शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की ओर ले जाना है।
केंद्र सरकार ने निवेश आकर्षित करने और वाणिज्यिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए पहले वर्ष में 8.82 रुपये प्रति किलोग्राम, दूसरे वर्ष में 7.06 रुपये प्रति किलोग्राम और तीसरे वर्ष में 5.30 रुपये प्रति किलोग्राम उत्पादन-संबंधी प्रोत्साहन दे रही है, जिससे कुल समर्थन 1,533.4 करोड़ रुपये होगा। यह पहल शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो विकसित होने के साथ-साथ एक स्थायी और आत्मनिर्भर विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
