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परकोटे में चिन्हित किए 19 अवैध भवनों को सील करें, आदेश की पालना निगम कमिश्नर की निजी जिम्मेदारी होगी: हाईकोर्ट

काेर्ट

जयपुर, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने परकोटे में रिहायशी इलाके में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के मामले में सख्ती बरतते हुए राज्य सरकार व हेरिटेज नगर निगम को हल्दियों के रास्ते में अवैध तौर पर चिन्हित 19 भवनों को सील करने का निर्देश दिया है। वहीं हेरिटेज नगर कमिश्नर को कहा है कि आदेश की पालना करवाना उनकी निजी जिम्मेदारी है।

जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह निर्देश शुक्रवार को शहर के रिहायशी क्षेत्र में व्यावासायिक गतिविधियों के स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में दिया। खंडपीठ ने आगामी सुनवाई 8 अक्टूबर तय करते हुए राज्य सरकार को कहा है कि वह आदेश की पालना में की कार्रवाई का ब्याैरा देे। सुनवाई के दौरान कुछ प्रभावितों भवन मालिकों की ओर से अदालत से उनके भवनों की सील खुलवाने का आग्रह किया। जिस पर न्याय मित्र शोभित तिवारी ने कहा कि अदालत ने पूर्व में भी पूरे 19 भवनों को ही सील करने का निर्देश दिया था। लेकिन नगर निगम ने केवल 5 भवनों को ही सील किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कार्रवाई में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। वहीं राज्य सरकार की ओर से एएजी जीएस गिल ने अदालत से समय मांगा। अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए कार्रवाई रिपोर्ट देने के लिए कहा। गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने माना था कि ये 19 भवन पूरी तरह से अवैध हैं और अदालत ने इस संबंध में प्रमुख यूडीएच सचिव की कमेटी बनाकर उसे रिपोर्ट देने के लिए कहा था। वहीं 12 भवनों को आंशिक तौर पर अवैध माना था। दरअसल हाईकोर्ट ने शहर के परकोटे में आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार व नगर निगम से रिपोर्ट देने के लिए कहा था। अदालत ने कहा था कि रिहायशी इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां चलाना पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2025 में हाईकोर्ट के 25 फरवरी के 19 भवनों को सील करने वाले आदेश और 10 मार्च 2025 के आदेश में दखल से इंकार करते हुए प्रभावितों की एसएलपी को खारिज कर दिया था।

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(Udaipur Kiran)

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