Haryana

हिसार: घग्गर में आई दरार को एसडीआरएफ ने 55 घंटे बाद पाटा

हिसार-घग्गर मल्टीपर्पज ड्रेन में आई दरार पर बांध बनाने में लगे एसडीआरएफ के जवान, मनरेगा मजदूर व ग्रामीण।
हिसार-सादुलपुर रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करने पहुंचे रेलवे के अधिकारी।

बालसमंद-बांडाहेड़ी पर बनी नहर तथा राणा माइनर भी टूटी, एचएयू फार्म

के साथ लगते बीड़ के करीब 600 घरों के डूबने का संकट

हिसार, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिसार-घग्गर मल्टीपर्पज ड्रेन में गांव

कैमरी व गंगवा के बीच आई दरार को पाटने के लिए शनिवार को तीसरे दिन एसडीआरएफ को बुलाना

पड़ा। दोपहर को खुद डीसी अनीश यादव मौके पर पहुंचे और ड्रेन के कटाव को रोकने बारे

अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

आखिरकार एसडीआरएफ के जवानों ने स्थानीय ग्रामीणों

तथा मनरेगा मजदूरों की मदद से दरार को करीब 55 घंटे बाद शनिवार शाम 4 बजे पाटी दिया।

जब तक ड्रेन की दरार को पाटा गया तो तब तक आसपास के खेत पानी से जलमग्न हो गए। ढाणियों

में रहने वालों लोगों को सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी।

इतना ही नहीं हिसार से सादुलपुर रेलवे ट्रैक के आर पार हिसार-घग्गर

मल्टीपर्पज ड्रेन के पानी का रिसाव शुरू हो गया। रेलवे के इंजीनियर तथा कर्मचारी मौके

पर पहुंचे और रेलवे लाइन के नीचे से पानी के रिसाव के कारण भूमि कटाव को रोकने के लिए

ट्रैक के साथ-साथ मिट्टी की कट्टे लगवा। स्थिति पर नजर रखने के लिए रेलवे कर्मचारियों

को भी मौके पर तैनात किया गया, ताकि वे स्थिति पर नजर बनाए रख सके।

रेलवे लाइन के जिस

हिस्सा पर पानी का रिसाव तथा लाइन के जहां-जहां जलभराव है, वहां पर धीमी गति से ट्रेन

का आवागमन किया जा रहा है।

शनिवार सुबह मुख्य नहर बालसमंद ब्रांच गांव सरसाना पुल के पास ओवरफ्लो

हो गई है। करीब 50 फुट का हिस्से से पानी ओवरफ्लो हो गया। वहीं बालसमंद-बांडाहेड़ी पर

बनी नहर में टूट गई जिससे खेतों में पानी भर गया। इसके अलावा राणा माइनर भी टूट गई,

जिसके कारण एचएयू फार्म के साथ लगते बीड़ के करीब 600 घरों के डूबने का का संकट खड़ा

हो गया है। जिले के 307 गांवों में से 276 गांवों के किसान के लिए सरकार ने ई-क्षति

पोर्टल खोल दिया है।

जिले में लाखों एकड़ में खरीफ की फसल तबाह हो चुकी है। इसके साथ

ही रबी की फसल पर भी संकट खड़ा होता दिखाई देने लगा है।

इंद्रदेव रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले सात दिन से हिसार

व आसपास के क्षेत्रों में रोजाना बारिश हो रही है। इसके कारण जिले के कई गांवों में

बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बार-बार बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

गांव घिराय में बारिश के कारण ग्रामीण कृष्ण कुमार के एक मकान की छत गिरी गई, हालांकि

परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गए।

लगातार बारिश के चलते आर्य नगर पावर हाउस में फिर से पानी घुसा गया।

इसके चलते इस पावर हाउस से बिजली सप्लाई प्रभावित रही। कई गांवों में बिजली संकट खड़ा

हो गया। बाद में पावर हाउस से पानी निकालने के लिए पंप सेट लगाए गए।

उपायुक्त अनीश यादव का कहना है कि जिले में मानसून सीजन में सामान्य

से दो गुणा से भी अधिक बरसात हो चुकी है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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