धर्मशाला, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विश्वविख्यात साहसिक खेल स्थल बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग के दौरान हाल ही में बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के उद्देश्य से आज एक महत्वपूर्ण समीक्षा एवं सुरक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी बैजनाथ संकल्प गौतम ने की। इस अवसर पर जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में पैराग्लाइडिंग के संचालन, पायलटों एवं पर्यटकों की सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
एसडीएम संकल्प गौतम ने कहा कि बीड़-बिलिंग विश्व स्तर पर पैराग्लाइडिंग के लिए पहचान रखता है इसलिए यहां सुरक्षा मानकों का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में पर्यटकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने पायलटों से आग्रह किया कि लंबी दूरी की सभी उड़ानें समूह में की जाएं ताकि किसी अप्रिय घटना की स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी पायलट अपनी उड़ानों के दौरान ट्रैकिंग डिवाइस का अनिवार्य रूप से उपयोग करें जिससे किसी भी आपात स्थिति में उनका स्थान तुरंत ट्रैक किया जा सके।
एसडीएम ने यह भी कहा कि प्रशासन पायलटों के इंश्योरेंस दस्तावेजों की समय-समय पर जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पायलट और पर्यटक सुरक्षा कवच के दायरे में हों। उन्होंने बताया कि पैराग्लाइडिंग क्षेत्र को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोनों में विभाजित करने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है जिससे पायलटों को पहले से यह जानकारी रहे कि किस दिशा में उड़ान भरना सुरक्षित है और किन क्षेत्रों में खतरे की संभावना अधिक है।
उन्होंने कहा कि बीड़-बिलिंग की प्रतिष्ठा को सुरक्षित और जिम्मेदार पर्यटन केंद्र के रूप में बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और डिजिटल ट्रैकिंग से युक्त बनाने पर कार्य कर रहा है। उड़ान से पहले पायलटों की पहचान, प्रमाणन, और सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने कहा कि बीड़-बिलिंग में पर्यटन को प्रोत्साहन देना प्रशासन एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता है परंतु यह तभी संभव है जब सभी गतिविधियां सुरक्षा और अनुशासन के दायरे में संचालित हों। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग पायलटों और संस्थानों के सहयोग से सुरक्षित पर्यटन माहौल तैयार करने के लिए लगातार कार्यरत है।
बैठक में उपस्थित पैराग्लाइडिंग विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि पायलटों को नियमित रूप से ट्रेनिंग, मौसम पूर्वानुमान की जानकारी, और आपातकालीन बचाव अभ्यास करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति की अनदेखी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनती है, इसलिए उड़ान से पहले हर पायलट को मौसम संबंधी चेतावनियों से अवगत कराया जाना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया