HimachalPradesh

स्कूल शिक्षा बोर्ड पेंशनर कल्याण संघ ने 100 स्कूलों को सीबीएसई में स्थानांतरित करने का किया विरोध

धर्मशाला, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पेंशनर वैल्फेयर संघ धर्मशाला द्वारा स्कूल शिक्षा बोर्ड के 100 स्कूलों को सी.बी.एस.ई. को सौंपने के सरकार के फैसले का विरोध किया गया है। संघ के प्रधान सुरेंद्र चौधरी ने यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की गिनती भारत वर्ष के अग्रणी बोर्डों में की जाती हैं। जिसका अपना एक गौरवशाली इतिहास है। बोर्ड का कार्य परीक्षाओं को सुचारू रूप से संचालन करना है। जो कि वो वर्ष 1969 से भलीभांति कर रहा है। बोर्ड के तहत प्रदेश के स्कूलों में इस समय एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम की किताबें ही पढ़ाई जा रही हैं और सी.बी.एस.ई. बोर्ड के स्कूलों में भी यही किताबें पढ़ाई जाती हैं। ऐसे में सी.बी.एस.ई. बोर्ड में क्या विशेष है। बोर्ड का कार्य परीक्षाओं को सुचारू रूप से संचालन करना है। बोर्ड को बदलने के बजाए सरकार को स्कूलों का उत्थान करना चाहिए था, ताकि शिक्षा में गुणात्मक सुधार आता।

उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड अभी तक बिना सरकारी सहयता, आत्मनिर्भर होकर सफलता पूर्वक शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहा है। इस प्रकार का प्रयोग इससे पहले कुछ राज्यों में असफल हो चुके हैं। उन बोर्डों की आर्थिक स्थिति डगमगाने से यह निर्णय उन सरकारों को वापिस लेना पड़ा है। इन 100 स्कूलों को हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से सी.बी.एस.ई. बोर्ड में बदलने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। जिस कारण बोर्ड से संबंधित कर्मचारियों/ रिटायर्ड कर्मचारियों की रोटी रोजी खतरे में पड़ जाएगी।

उन्होंने कहा कि संघ सरकार से अपील करता है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें और बोर्ड की स्थिति को यथावत बनाए रखें। अन्यथा बोर्ड की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जायगी।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

Most Popular

To Top