HimachalPradesh

स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जुर्माना राशि में की पांच गुणा वृद्धि

बोर्ड मुख्यालय।

धर्मशाला, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षाओं में आंतरिक मूल्यांकन (आईएनए) और प्रायोगिक अंकों को समय पर उपलब्ध न करवाने पर लगने वाले जुर्माने की राशि में पांच गुणा बढ़ोतरी कर दी है। अब प्रति छात्र 100 रुपये के बजाय 500 रुपये का जुर्माना देना होगा। बोर्ड के सचिव, डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि बोर्ड अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 1968 की धाराओं के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया है। यह निर्णय 2 अगस्त 2019 की अधिसूचना में आंशिक संशोधन है।

नए नियमों के अनुसार यदि प्रधानाचार्य, संस्था प्रमुख या शिक्षक छात्रों के आईएनए या प्रायोगिक अंक तय समय पर बोर्ड को नहीं भेजते हैं और इस वजह से छात्रों का परिणाम आरएलडी (रिजल्ट लेट ड्यू) या आरएलई (रिजल्ट लेट एलीजिबल) घोषित होता है, तो ऐसे हर मामले में प्रति छात्र 500 रुपये की पेनल्टी वसूली जाएगी।

बोर्ड ने इस कदम को उठाने के पीछे की वजह भी साफ की है। बोर्ड का कहना है कि अंकों की देरी से निपटने में कई कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है, जिससे अन्य परीक्षाओं के संचालन में रुकावट आती है। इस तरह के मामलों से बचने और परीक्षा परिणामों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है, ताकि समय पर परिणाम घोषित हो सकें।

इसके साथ ही वर्ष 2019 की अधिसूचना के अन्य सभी नियम और दिशा-निर्देश पहले की तरह लागू रहेंगे। यह कदम परीक्षा व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

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