
—बीएचयू में 10वें आयुर्वेद दिवस का आयोजनवाराणसी, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि आयुर्वेद को आगे बढ़ाना है तो स्कूली बच्चों को इसके मूल सिद्धान्तों के बारे में बताना होगा ताकि वे इसका महत्व जान सकें। उन्हें यह बताना होगा कि आयुर्वेद कब सबसे बेहतर कार्य करता है। कुलपति प्रो.चतुर्वेदी मंगलवार को परिसर स्थित स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित 10वें आयुर्वेद दिवस के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस साल के आयुर्वेद दिवस का विषय ‘जन-जन के लिए आयुर्वेद, पृथ्वी के लिए आयुर्वेद’ है।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का उद्देश्य व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर आयुर्वेद के महत्व को समझना और बढ़ावा देना है। हमें सोचना होगा कि भारतीय समाज में आयुर्वेद को वह स्थान मिला है या नहीं, जिसका वह हकदार है। उन्होंने कहा कि बीएचयू और आयुर्वेद जगत से जुड़े लोगों को मिलकर एक ठोस कार्य योजना बनानी चाहिए जिससे यह विधा अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचे। आयुर्वेद संकाय के आचार्यों से कुलपति ने कहा कि वे अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की मदद से आयुर्वेदिक दवाओं का पेटेंट, तकनीक, अनुसंधान और उद्योगों के साथ एमओयू के बारे में क़दम बढ़ाएं। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि प्रो. मनोरंजन साहू (पूर्व संकाय प्रमुख, आयुर्वेद संकाय बीएचयू) ने कहा कि जैसे-जैसे देश विकास की ओर अग्रसर हो रहा है वैसे-वैसे बीमारियों की प्रोफाइल में भी बदलाव आ रहा है। पहले बीमारियाँ संक्रमण से होती थी। अब अनेक बीमारियाँ जीवनशैली पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है जो हमारे शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने का प्रयास करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू प्रो. एस. एन. संखवार ने कहा कि कोविड के समय आयुर्वेद ने भारत में इलाज में बहुत सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि आज दक्षिण कोरिया, चीन और श्रीलंका समेत दुनियाभर के कई देशों से विद्यार्थी एमओयू के तहत आयुर्वेद का अध्ययन करने बीएचयू आ रहे हैं।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत प्रो. प्रदीप कुमार गोस्वामी ( संकाय प्रमुख, आयुर्वेद संकाय, बीएचयू) ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. के. एन. मुर्ति, समन्वयक, आयुर्वेद दिवस ने किया। उद्धाटन सत्र के उपरांत अकादमिक सत्र में प्रो. आर. बी. द्विवेदी, पूर्व निदेशक, आई.पी.जी.टी. आर., गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर और वैद्य बालेन्दु प्रकाश, भारत के राष्ट्रपति के पूर्व मानद चिकित्सक ने आयुर्वेद के बारे में व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में आयुर्वेद पर आधारित पाँच पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। साथ ही आयोजन स्थल पर आयुवेर्दिक दवाओं और उत्पादों के स्टॉल भी लगाये गये थे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
