
मंडी, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । सीटू से सबंधित मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन का तीसरा ज़िला सम्मेलन आज कॉमरेड तारा चंद भवन में आयोजित किया गया। जबकि आगामी 26,27 जुलाई को निर्माण मजदूर यूनियन का राज्य सम्मेलन मंडी में होने जा रहा है। जिसमें श्रमिक कल्याण बोर्ड को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। जिला सम्मेलन के प्रारंभ में दिवगंत मज़दूर नेताओं और मंडी ज़िला में आई आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, उसके बाद यूनियन के राज्य प्रधान जोगिंदर कुमार ने उदघाटन किया।
राज्य महासचिव भुपेंद्र सिंह, सीटू ज़िला महासचिव राजेश शर्मा, यूनियन के ज़िला सचिव गोपेन्द्र कुमार, प्रधान गुरदास वर्मा, रविकांत, करतार सिंह चौहान और राजेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया। राज्य प्रधान जोगिंदर कुमार व भुपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने 44 श्रम कानूनों को ख़त्म कर दिया और चार मज़दूर विरोधी सहिंताओं में तबदील कर दिया है जिसके विरोध में 9 जुलाई को बीस करोड़ से ज़्यादा मज़दूरों ने देशव्यापी सफ़ल हड़ताल की है। जिसमें मनरेगा और निर्माण मज़दूरों ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आजकल निर्मित किए जा रहे फोरलेन, एनएच, रेलवे और हाईडल प्रोजेक्टों में काम करने वाले का कंपनियां शोषण कर रही है और उन्हें यूनियन बनाने से भी रोकते हैं। कंपनियां हिमाचल सरकार के नीति के अनुसार हिमाचली युवाओं को सत्तर प्रतिशत रोज़गार नहीं दे रहे हैं। सम्मेलन में मनरेगा में 200 दिनों का रोज़गार और 400 रुपए मज़दूरी देने बारे प्रस्ताव पारित किया गया और इसके लिए यूनियन अभियान चलाएगी।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
