मंडी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम, मंडी द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के महत्वाकांक्षी युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। निगम की ओर से टैक्सी, छोटी बसें, होटल-ढाबा, पशुपालन-डेयरी तथा अन्य लघु व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
जिला प्रबंधक कमल जीत सिंह ने बताया कि निगम की हिम स्वावलम्बन योजना के तहत तीन से पांच लाख रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध है। इस योजना में अनुसूचित जाति के युवाओं को आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से ऋण प्रदान किया जाता है। परियोजना लागत का दस प्रतिशत अधिकतम पचास हजार रुपये तक पूंजी अनुदान के रूप में तथा अस्सी प्रतिशत राशि ऋण स्वरूप दी जाती है, जबकि शेष दस प्रतिशत भाग आवेदक को स्वयं वहन करना होता है।
उन्होंने कहा कि निगम की माइक्रो क्रेडिट फाइनेंस योजना के अंतर्गत एक लाख चालीस हजार रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए भी ऋण उपलब्ध है। इसमें एक लाख पच्चीस हजार रुपये तक की राशि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम सावधि ऋण स्वरूप उपलब्ध कराता है, जबकि पंद्रह हजार रुपये की राशि आवेदक को स्वयं लगानी होती है। इस योजना में ऋण पर साढ़े छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि योजनाओं का लाभ उन्हीं युवाओं को दिया जा रहा है जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक न हो, जो हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हों और अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हों। साथ ही आवेदक किसी बैंक या अन्य ऋणदाता संस्था का ऋण दोषी नहीं होना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
