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सऊदी अरब, पाकिस्तान ने किया नाटाे जैसा रक्षा समझौता

रियाद/ इस्लामाबाद, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) पाकिस्तान के खिलाफ भारत की संक्षिप्त सैन्य कार्रवाई के कुछ महीनों बाद ही पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ रक्षा साझीदारी के एक ऐसे समझाैते पर हस्ताक्षर किये हैं जिसमें एक देश पर हुए हमले काे दाेनाें देशाें पर आक्रमण माना जाएगा।

अमेरिका के नेतृत्व वाले उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटाे) की तर्ज पर इस समझाैते काे पाकिस्तान के लिए भविष्य में भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई के विरुद्ध एक कवच के रूप में देखा जा रहा है।

बुधवार देर रात इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गये। कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि ये समझौता अमेरिका की सहमति से ही संपन्न हुआ है। इसे ऑपरेशन सिन्दूर की प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि सऊदी अरब के अधिकारियाें का कहना है कि यह किसी विशिष्ट देश या घटना विशेष की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और गहन सहयोग का परिणाम है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक समझौते में स्पष्ट है कि किसी भी देश के ख़िलाफ़ किसी भी आक्रमण को दोनों देशाे के ख़िलाफ़ आक्रमण माना जाएगा। सऊदी मीडिया की रिपोर्टों में भी कहा गया है कि समझौते के अनुसार किसी भी देश के ख़िलाफ़ हुए किसी भी आक्रमण को दोनों देशाे के ख़िलाफ़ आक्रमण माना जाएगा।

गाैरतलब है कि दाेनाें देशाें के बीच यह नवीन रक्षा संबंध ऐसे समय में सामने आए हैं जब खाड़ी के अरब देश सुरक्षा गारंटर के रूप में अमेरिका की विश्वसनीयता को लेकर चिंतित हो रहे हैं।

इस बीच यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान अब सऊदी अरब को परमाणु सुरक्षा प्रदान करने के लिए बाध्य होगा, एक वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने बताया यह एक व्यापक रक्षात्मक समझौता है जिसमें सभी सैन्य साधन शामिल हैं।

पाकिस्तान एकमात्र परमाणु शस्त्र संपन्न मुस्लिम राष्ट्र है और इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी सेना भी रखता है। समझौते के समय के बारे में पूछे जाने पर सऊदी अधिकारी ने कहा कि यह समझौता वर्षों की चर्चाओं का परिणाम है।

इस बीच पाकिस्तानी सरकारी टेलीविज़न ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को गले मिलते हुए दिखाया। इस दाैरान पाकिस्तानीे सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी मौजूद थे।

पाकिस्तान के सैनिक लंबे समय से सऊदी अरब में तैनात हैं जिनकी वर्तमान संख्या लगभग 1,500 से 2,000 के बीच है। ये सैनिक सऊदी सेना को संचालन, तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करते हैं। इसमें सऊदी वायु और थल सेना को सहायता भी शामिल है।

सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का ऋण भी दिया है जिसकी अवधि दिसंबर में बढ़ा दी गई ताकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल

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