शिमला, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी प्राकृतिक आपदाओं से हो रहे नुकसान पर नियम 67 के तहत चर्चा जारी रही। इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं रखते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।
ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं से प्रदेश को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। पर्यावरण को नुकसान के साथ पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यटक अब हिमाचल आने से बच रहे हैं, जिससे होटल कारोबार, टैक्सी ऑपरेटर और स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है।
सत्ती ने कहा कि किसानों और बागवानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सड़कें बंद होने से उनकी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। ऊना जिले की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्वां नदी और उसकी सहायक खड्डों का चैनलाइजेशन न होता तो तबाही और भी ज्यादा होती। इसके बावजूद बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। स्वां नदी पर बने पुलों और छोटी पुलियों को भारी नुकसान हुआ है। ऊना शहर के भीतर घरों, दुकानों और स्कूलों में पानी भर गया जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग के पास फ्लड प्रोटेक्शन के लिए पैसा नहीं है। जिले में अवैध खनन और पेड़ों की कटाई लगातार जारी है, जिससे प्रकृति असंतुलित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऊना के पास वनगढ़ में बड़े पैमाने पर अवैध कटान हो रहा है। उन्होंने मांग की कि नालों का चैनलाइजेशन हो और निर्माण कार्यों की एक सीमा तय की जाए। साथ ही ऊना में डोजर और बुलडोजर की व्यवस्था की जाए और खड्डों की डी-सिल्टिंग करवाई जाए। सत्ती ने कहा कि जो हमने पहाड़ों और नदियों को दिया है, प्रकृति अब आपदा के रूप में वही लौटा रही है।
वहीं, विधायक राम कुमार चौधरी ने बीबीएन क्षेत्र की समस्याएं उठाईं। उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र है लेकिन बरसात से यहां की सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है। नालियां बंद पड़ी हैं और पानी न निकलने से सड़कें टूट गई हैं। उन्होंने कहा कि पैचवर्क पूरी तरह धुल गया है और अब सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष धनराशि जारी की जानी चाहिए।
राम कुमार ने यह भी कहा कि नदी-नालों के किनारे अवैध कब्जे हो रहे हैं, जिन्हें हटाया जाना जरूरी है। बरसात से कई मकानों को नुकसान पहुंचा है और प्रभावित परिवारों को राहत तथा जमीन उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
