जम्मू 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, सूचना प्रौद्योगिकी और परिवहन मंत्री, सतीश शर्मा ने आईआईटी जम्मू में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक प्रमुख हितधारकों की बैठक का उद्घाटन किया।
उत्तरी क्षेत्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्लस्टर और जम्मू-कश्मीर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत, सरकार, उद्योग और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख लोग जम्मू-कश्मीर के नवाचार परिदृश्य को मजबूत करने के लिए एक साथ आए।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने केंद्र शासित प्रदेश में नवाचार और अनुसंधान को गति देने के उद्देश्य से तीन महत्वाकांक्षी पहलों का शुभारंभ किया, जिनमें ळप्छप्-उत्तर भारत के जमीनी स्तर के नवप्रवर्तक, नवाचार राजदूत कार्यक्रम और स्पार्क-जेके-अनुसंधान और ज्ञान में तेजी लाने के लिए रणनीतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
सतीश शर्मा ने शासन और सतत विकास में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी किसी भी समाज की प्रगति और समृद्धि के अभिन्न अंग हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार हर स्तर पर नवप्रवर्तकों, स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं का समर्थन करने वाला एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सार्वजनिक सेवा वितरण में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर प्रकाश डालते हुए शर्मा ने विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी और नागरिक कल्याण, विशेष रूप से कृषि, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों के बीच तालमेल की ओर इशारा किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे मंच साक्ष्य-आधारित नीति, टिकाऊ उद्योगों और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के वैज्ञानिक सचिव, डॉ. परविंदर मैनी ने क्षेत्र की बढ़ती विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमताओं की सराहना की और हितधारकों के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया।
शासन में एआई, अपशिष्ट से धन प्राप्ति की पहल, कृषि-तकनीक और सतत पर्यटन जैसे विविध विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
डॉ. नासिर शाह अतिरिक्त निदेशक, जेकेएसटीआईसी और डॉ. जतिंदर कौर अरोड़ा सलाहकार, पीआई-आरएएचआई सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्रीय विकास में विज्ञान और नवाचार की परिवर्तनकारी भूमिका पर बात की।
आईआईटी जम्मू, एसएमवीडीयू, स्कॉस्ट-के के संकाय सदस्यों के साथ-साथ उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने विचार-विमर्श में भाग लिया और जम्मू-कश्मीर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
