
पानीपत, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद बुआना लाखू गांव में ईवीएम री-काउंटिंग से मोहित मलिक सरपंच बने। कोर्ट के निर्देश पर 13 अगस्त को राज्य चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया और 14 अगस्त को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश शर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। 15 अगस्त को मोहित ने बतौर सरपंच गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया।
देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम से वोटों की री-काउंटिंग हुई और नतीजे बदल गए। मामला पानीपत के गांव बुआना लाखु पंचायत का है। नवंबर 2022 में यहां सरपंच पद के चुनाव एईवीएम से हुए। गिनती के बाद पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप मलिक को 51 वोट से विजेता घोषित कर दिया। साढ़े 4 घंटे बाद मोहित मलिक को विजेता बताया। हालांकि बाद में हाईकोर्ट के फैसले पर कुलदीप मलिक को सरपंच घोषित किया गया। मोहित मलिक ने 33 महीने कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिर में ईवीएम में दर्ज वोटों की सुप्रीम कोर्ट में री-काउंटिंग करवाई गई तो मोहित 51 वोट से विजेता बने। कोर्ट के फैसले के बाद 13 अगस्त को राज्य चुनाव आयोग ने मोहित को सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी किया। 14 अगस्त को मोहित को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश शर्मा ने पद की शपथ दिलाई। 15 अगस्त को गांव में बतौर सरपंच मोहित को ध्वजारोहण का मौका मिला।
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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा
