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अयोध्या के विजयादशमी उत्सव में शामिल होंगे सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

फाइल फोटो सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
आरएसएस का लोगो

रामकथा पार्क से राम मंदिर के मुख्य प्रवेशद्वार तक पथ संचलन करेंगे स्वयंसेवक

शताब्दी वर्ष में देशभर में होंगे हिन्दू सम्मेलन

लखनऊ/अयोध्या, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । इस वर्ष विजयादशमी उत्सव के दिन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ होगा। अयोध्या के रामकथा पार्क में 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाले विजयादशमी उत्सव में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल होंगे। विजयादशमी के दिन रामकथा पार्क से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक संघ की ओर से पथ संचलन भी निकाला जायेगा।

उक्त जानकारी अयोध्या के श्रीराम आश्रम के महंत व रामलला नगर के नगर संघचालक महंत जयराम दास महराज ने (Udaipur Kiran) को दी है। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे रामकथा पार्क में विजयादशमी उत्सव आयोजित होगा। इस उत्सव में रामलला नगर और अशोक सिंघल नगर के दो हजार स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहेंगे। रामकथा पार्क में 2 अक्टूबर को होने वाले विजयादशमी उत्सव में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी शामिल होंगे और और स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवान श्री ऋषभदेव जन्मभूमि दिगंबर जैन तीर्थ के पीठाधीश संत रवीन्द्रकीर्ति स्वामी करेंगे।

महंत जयराम दास ने बताया कि सभी मठ मंदिरों में संपर्क किया जा रहा है। दोनों नगरों की सभी बस्तियों में लगने वाली शाखाओं के स्वयंसेवकों के गणवेश तैयार कराये जा रहे हैं। प्रत्येक शाखा से कम से कम 50 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कार्यक्रम में रहें ऐसी अपेक्षा है।

मण्डल व बस्ती स्तर पर होंगे पथ संचलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने (Udaipur Kiran) को बताया कि संघ की स्थापना डाॅ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में की थी। विजयादशमी के दिन से शताब्दी वर्ष का शुभारंभ होगा। देशभर में आयोजित विजयादशमी उत्सवों में सभी स्वयंसेवक शामिल होंगे। विजयादशमी के अवसर पर संघ की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में मण्डल स्तर पर और शहरों में बस्ती स्तर पर पथ संचलन निकाला जायेगा। अवध प्रान्त में 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक पथ संचलन के कार्यक्रम होंगे।

खण्ड व नगर स्तर पर होंगी सामाजिक सदभाव बैठकें

शताब्दी वर्ष में नवंबर माह में संघ की ओर से खंड व नगर स्तर पर सामाजिक सद्भभाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। इन बैठकों का उद्देश्य है कि निर्दोष, निर्भय, संगठित हिन्दू समाज खड़ा हो। सभी जाति या बिरादरी के भेदभाव से ऊपर उठकर हिन्दू इस नाते सोचें एवं देशभक्ति का भाव जगा कर राष्ट्रकार्य में सहभागी बनें। राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में सहभागी हों।

व्यापक गृह संपर्क अभियान शुरू करेगा संघ

शताब्दी वर्ष में संघ विश्व का सबसे बड़ा गृह सम्पर्क अभियान शुरू करेगा। इस संपर्क अभियान के तहत हर गांव, हर बस्ती के अधिकतम घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के सभी लोगों तक जाना और सभी कार्यों में उनकी सहभागिता हो। यह अभियान एक तरह से सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी होगा। गृह संपर्क के दौरान संघ साहित्य और भारत माता का चित्र वितरित किया जाएगा।

देशभर में होंगे हिन्दू सम्मेलन

शताब्दी वर्ष में संघ विश्व का सबसे बड़ा गृह सम्पर्क अभियान शुरू करेगा। इस के दौरान समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल और शहरी क्षेत्रों में बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। हिन्दू सम्मेलनों में समाज के उत्सवों, सामाजिक एकता व सद्भाव व पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।

जिला स्तर पर होगी प्रमुख जन गोष्ठी

फरवरी 2026 में जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। समूह, व्यवसाय, वर्ग के अनुसार गोष्ठियों में भारत के विचार, भारत के गौरव, भारत के स्व, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुम्ब प्रबोधन व नागरिक कर्तव्य आदि विषयों पर चर्चा होगी।

सितंबर 2026 में होंगे युवा केन्द्रित कार्यक्रम

सितंबर 2026 में युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों की ओर से आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रान्त के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनायी गयी है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवाओं में संघ संस्कारों का बीजोरोपण किया जायेगा और उनमें देश समाज की भावना जागृत की जायेगी।

अधिकतम स्थानों पर शाखा

25 सितम्बर से 10 अक्टूबर 2026 तक अधिकतम स्थानों पर शाखा शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे। वर्ष भर ​विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से अधिकतम स्थानों पर नया सम्पर्क आयेगा। इसलिए स्वयंसेवक अधिकतम स्थानों पर शाखा लगाने में जुटेंगे।

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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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