
मंडी, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज आपदा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की और जिम्मेदार अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने, आधार भूत ढांचे को सही करने की दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी बहुत जगहों पर आधारभूत सुविधाएं बहाल नहीं हुई हैं। जिसकी वजह से लोगों को न सिर्फ कठिनाई उठानी पड़ रही है बल्कि अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। बिजली पानी और सड़क जैसी आधारभूत सुविधाओं के दुरुस्त न होने की वजह से लोग परेशानी उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तक एक बहुत बड़ी आबादी सड़कों, बिजली और पानी से महरूम है। बीमारों को अस्पताल तक पहुंचाने में समस्या हो रही है। सड़कों के बंद होने की वजह से बिजली और पेयजल सुविधाओं के दुरुस्तीकरण में भी कठिनाई आ रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि फसलों की तबाही की वजह से लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। फसलें सिर्फ लोगों के भोजन का ही साधन नहीं है यह लोगों के व्यवसाय का भी साधन है। अच्छी खासी लागत लगाकर लोग फसलें तैयार करते हैं और बाजार में बेचकर अपने परिवार का पालन–पोषण करते हैं। पूरा इलाका ही खेती, किसानी और बागवानी पर ही निर्भर है। जिन लोगों के घर बच गए हैं लेकिन खेत और फसलें पूरी तरीके से तबाह हो गए हैं, उनके लिए भी राहत के इंतजाम करने होंगे। फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को प्रभावी योजना लानी होगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राहत सामग्री के मामले में दानी सज्जनों द्वारा जो काम किया गया वह अद्वितीय है। सड़के और आधारभूत सुविधाओं को छोड़ दें तो राहत सामग्री के मामले में आम लोगों, गैर सरकारी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा राहत सामग्री के वितरण में जो काम किया गया है वह सरकार के मुकाबले कई–कई गुना अधिक है। लोगों द्वारा पहुंचाई गई फौरी राहत के कारण ही आपदा के इस दंश को कम किया जा सका है। मुश्किल के वक्त में मानवीयता के नाते बिना किसी भेदभाव और लाभ की अपेक्षा किया हमारे साथ खड़े रहने के लिए मैं लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।
जयराम ठाकुर ने वर्ष 2025-26 के लिए 24000 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को स्वीकृति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार का आभार जताया है। आर्थिक और अन्य रूप से पिछड़े क्षेत्र के लिए यह योजना किसी वरदान से काम नहीं होगी। वर्ष 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की गई थी। जिसे अब पूरा किया जा रहा है। यह योजना केंद्र के 11 विभागों की 36 योजनाओं, राज्यों की योजनाओं एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी में क्रियान्वित की जाएगी।
—————
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
