Jammu & Kashmir

संस्कृत भारत के शाश्वत ज्ञान का वाहक है, आधुनिक विज्ञान अभी भी प्राचीन संस्कृत ज्ञान से निर्देशित है-सत शर्मा

संस्कृत भारत के शाश्वत ज्ञान का वाहक है, आधुनिक विज्ञान अभी भी प्राचीन संस्कृत ज्ञान से निर्देशित है-सत शर्मा

जम्मू, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष सत शर्मा के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू विश्वविद्यालय के धन्वंतरि पुस्तकालय में संस्कृत सप्ताह समारोह के दौरान आयोजित संस्कृत साहित्य, प्राचीन पुस्तकों और दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन भारत की प्राचीन विरासत की सांस्कृतिक और बौद्धिक समृद्धि का अवलोकन किया।

संस्कृत भारती, जम्मू और कश्मीर, शाश्वत आर्ट गैलरी और संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रदर्शनी में शाश्वत आर्ट गैलरी द्वारा प्रस्तुत दुर्लभ साहित्यिक कृतियों, पॉकेट बुक्स, संस्कृत नामावली से अंकित वस्तुओं और पारंपरिक व आधुनिक विधियों से संरक्षित प्राचीन पांडुलिपियों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण प्राचीन भारत में हुई वैज्ञानिक खोजों का सचित्र चित्रण था जिनमें से कई आधुनिक वैज्ञानिक चिंतन और तकनीकी प्रगति की नींव हैं।

सत शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए इस पहल के लिए जम्मू विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी सभ्यता की आत्मा है। उन्होंने कहा कि वेदों से लेकर शास्त्रों तक स्तोत्रों से लेकर मंत्रों तक, संस्कृत सहस्राब्दियों से भारत के ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिकता का पवित्र माध्यम रही है। उन्होंने कहा कि आज, जब दुनिया भारत के प्राचीन वैज्ञानिक योगदानों की पुनः खोज कर रही है चाहे वह खगोल विज्ञान हो, गणित हो या चिकित्सा, उस विरासत को सही मायने में समझने और पुनर्जीवित करने के लिए संस्कृत से जुड़ना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

शर्मा ने कहा संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें अद्वितीय ध्वन्यात्मक परिशुद्धता और भाषाई स्पष्टता है। हमारे दैनिक उपयोग के कई शब्द, अनुष्ठान और विचार संस्कृत में गहराई से निहित हैं। दैनिक वार्तालाप, प्रार्थना और शिक्षा में इसे बढ़ावा देना हमारी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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