

मुंबई,8 अगस्त ( हि.स.) । सन आयलाय गो आयलाय गो नारली पूनवेचा मनी आनंद मावना कोळ्यांचा दुनियाचा ।अर्थात
रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जो भाई-बहन के रिश्ते में जीवंतता और मधुरता लाता है। आज ठाणे के यशोधन नगर में संकल्प इंग्लिश स्कूल का मुख्य आकर्षण कक्षा 1 से कक्षा 10 तक के हज़ारों विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई ‘सीडलिंग राखी’ है। रक्षाबंधन पर हम अपने भाई को राखी बाँधते हैं और भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। इसी तरह, विद्यार्थियों ने उन पेड़ों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए, जो हमें ऑक्सीजन और अन्य उपयोगी चीज़ें देते हैं, पेड़ को राखी बाँधी और उनके संरक्षण को सुनिश्चित किया है।
विद्यार्थियों ने भविष्य में भी उनके संरक्षण और सुरक्षा का वचन दिया।
विद्यालय परिसर में नारली पूर्णिमा का एक बहुत ही सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया गया। नारली पूर्णिमा पर, कोली बंधु भाई समुद्र के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए नारियल चढ़ाते हैं। इसी प्रकार, संकल्प विद्यालय के विद्यार्थियों ने कोली वेश धारण कर स्वर्ण नारियल की प्रतिकृति भी बनाई। इस प्रकार, नारली पूर्णिमा और रक्षाबंधन को ‘वृक्ष संरक्षण’ के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
इसके लिए विद्यालय के ट्रस्टी डॉ. राज परब, प्रधानाचार्य डॉ. ज्योति परब, शिक्षक धनश्री देवदास, सागर सावंत, श्रीमती प्रणाली गिरी, श्रीमती सारिका वायल, छात्र कुमार सार्थक देवरे, कुमार शांतनु दासम ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
विद्यालय परिसर में नारली पूर्णिमा का दृश्य। लगभग दो फीट के वृक्ष के लिए बनाई गई ‘सीडलिंग राखी’ और ऐसी हजारों सीडलिंग राखियाँ, साथ ही कानों को भाने वाले कोली गीतों की धुनें, जो हमें थिरकने पर मजबूर कर रही थीं, ने पूरे दृश्य को दर्शनीय बना दिया।
संकल्प इंग्लिश स्कूल में यह नारली पूर्णिमा उत्साह के साथ मनाई गई। नर्सरी से लेकर सीनियर केजी तक के विद्यार्थी पारंपरिक कोली वेशभूषा में आए। उन्होंने कोली गीतों की धुन पर नृत्य किया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
