
सोलन, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय समावेशन की पूर्णता के लिए बैंकों और उपभोक्ताओं के मध्य सहयोग एवं समन्वय आवश्यक है। संजय मल्होत्रा रविवार को सोलन में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा आयोजित वित्तीय समावेशन संतृप्ति कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता एक दूसरे के पूरक हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक यह सुनिश्चित बना रहा है कि लोग वित्तीय रूप से साक्षर हों ताकि वित्तीय समावेशन का लक्ष्य पूर्ण हो सके और लोगों का धन सुरक्षित रहे।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि देश में बैंक अब अधिक से अधिक लोगों तक सुविधाएं एवं सेवाएं पहुंचाना सुनिश्चित बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक विभिन्न बैंकों के सहयोग से देश में वित्तीय समावेशन शिविर आयोजित कर रहा है। इन शिविरों में जहां वित्तीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है वहीं री-केवाईसी जैसे आवश्यक उत्तरदायित्व को पूर्ण करने पर बल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के लिए आवश्यक है कि बैंक उपभोक्ता तक पहुंचें। वर्तमान में देश में लगभग 1.65 लाख वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से लोगों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश में यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि 500 जनसंख्या वाली बस्ती के पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन की दिशा में पहला पग बैंक खाता है और आज देश में लगभग 250 करोड़ बैंक खाते खुल गए हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपने धन और बैंक खातों को सुरक्षित रखने के लिए री-केवाईसी अवश्य करवाएं।
उन्होंने आग्रह किया कि उपभोक्ता जन सुरक्षा योजनाओं में नामांकन करना सुनिश्चित बनाएं ताकि उन्हें बैंकिंग एवं बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही बीमा योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सचेत रहकर ही सुरक्षित रहा जा सकता है और वित्तीय रूप से नागरिकों को सुरक्षित रखना वित्तीय समावेशन संतृप्ति कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा
