
जयपुर, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । सफाई कर्मचारियों के संगठन ने ठेकेदारी प्रथा बंद करने, मोबाइल एप के जरिए हाजरी नहीं करवाने समेत 11 मांगों को लेकर नगर निगम प्रशासक और आयुक्त को पत्र सौंपा है। मांगों पर सुनवाई नहीं होने पर नगर निगम में कार्यरत 8 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी 21 नवंबर से हड़ताल पर जा सकते हैं।
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ अध्यक्ष नंद किशोर डंडोरिया ने बताया कि 10 नवंबर से नगर निगम प्रशासन को अपनी मांगों पर ध्यान देने और उनका निस्तारण करने के लिए कह रहे हैं। हमने नगर निगम मुख्यालय पर 10 नवंबर को धरना भी दिया था। लेकिन नगर निगम का मर्जर होने के कारण हमारी बात नहीं सुनी गई। अब नगर निगम एक हो चुका है और प्रशासनिक स्तर पर नियुक्तियां हो चुकी हैं तो अब प्रशासक और आयुक्त को ज्ञापन देकर 20 नवंबर तक का समय दिया है। अगर इस दौरान मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं किया गया तो 21 नवंबर से हड़ताल पर जाना पड़ेगा।
ये हैं प्रमुख मांगें
सफाई कर्मचारियों की नए एप से हाजरी नहीं करवाई जाए। ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए और जो कर्मचारी ठेके पर बरसों से काम कर रहें हैं, उन्हें नियमित किया जाए। सफाई कर्मचारियों की रुकी हुई भर्ती को शुरू किया जाए। गंभीर बीमारी से पीडि़त कर्मचारी को मेडिकल ज्यूरिष्ठ के मेडिकल प्रमाण के आधार पर कर्मचारी के आश्रित को नियुक्ति दी जाए। साथ ही झूठी शिकायतों के आधार पर की गई नियुक्ति निरस्त नहीं की जाए। कोर्ट केस के मामलों में सरकार और यूनियन के बीच अगस्त 2024 में हुए समझौते के अनुसार कोर्ट केस वालों को नियुक्ति पत्र दिए जाएं। मृतक आश्रितों के बरसों से जोनों में प्रकरण विचाराधीन हैं, उन्हें नियुक्ति दी जाए। जमादार से स्वास्थ्य निरीक्षक एसआई से स्वास्थ्य निरीक्षक (प्रथम) और स्वास्थ्य निरीक्षक (प्रथम) से मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर पदोन्नति की जाए। राजकीय अवकाश, रविवार, त्योहार पर कर्मचरियों को काम पर बुलाया जाता है तो उन्हें ओवर टाइम का भुगतान किया जाए। सभी कर्मचारियों के आरजीएचएस कॉर्ड शुरू करवाए जाएं। सफाई कर्मचारियों को एल-1 से एल-2 पर क्रमोन्नत किया जाए। जिन कर्मचारियों को कार्यवाहक स्वास्थ्य निरीक्षक, कार्यवाहक जमादार, कार्यवाहक मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक लगा रखा है, उन्हें यथावत कार्य करने दिया जाए। ऑफिसों में कार्यरत कर्मचारियों को मूल पद पर लगाया जाए।
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(Udaipur Kiran) / राजेश