




खड़गपुर, 30 सितंबर (Udaipur Kiran News) । इस वर्ष खड़गपुर के सुप्रसिद्ध संघश्री क्लब का दुर्गोत्सव अपने अनोखे और संदेशपूर्ण “संघश्री में हरियाली” थीम को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह आयोजन क्लब के 47वें वर्ष में मनाया जा रहा है ।
पंडाल में इस बार छह हजार जीवित नर्सरी पौधों का उपयोग किया गया है। वहीं, मां दुर्गा की प्रतिमा भी हरित पत्तों के डिजाइन से अलंकृत कर प्रकृति और मातृशक्ति के अद्भुत संगम को जीवंत रूप दिया गया है।
क्लब के पदाधिकारियों का कहना है कि आज केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया भयावह प्रदूषण की चपेट में है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते कहीं तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तो कहीं भारी वर्षा, भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ रही हैं। सबसे अधिक प्रभावित बुजुर्ग और बीमार लोग हो रहे हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ़ का सामना करना पड़ रहा है।
आयोजकों ने कहा कि वृक्षों को केवल “पेड़ लगाओ, प्राण बचाओ” के नारे तक सीमित न रखकर अपने बच्चों की तरह सहेजना होगा। तभी मानवता पृथ्वी पर जीवन जीने का अधिकार रख पाएगी।
सिर्फ पूजा ही नहीं, संघश्री क्लब समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। सामाजिक समरसता और सद्भाव के भाव को लेकर धर्म, जात-पात और भाषा से ऊपर उठकर यह संस्था इंसानियत और सेवा के लिए समर्पित है। इस दुर्गोत्सव के अवसर पर आयोजकों ने कई सेवा कार्यक्रमों का आयोजन किया है जैसे “गेट वेल सून” अभियान के अंतर्गत खड़गपुर राज्य अस्पताल में मरीजों को फलों का वितरण, रक्तदान शिविर का आयोजन क्लब प्रांगण में, नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन वितरण कार्यक्रम, वृक्षारोपण कार्यक्रम, वंचितों को वस्त्र वितरण।
समिति से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि दुर्गोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण की रक्षा का पर्व है। मां दुर्गा की शक्ति प्रकृति में ही निहित है, और प्रकृति की रक्षा करना ही सच्ची उपासना है।
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(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता
