Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाना ही लक्ष्य है: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह

योगी सरकार ने शिक्षा सुधार को दी नई गति, 5.75 लाख से अधिक शिक्षकों/शिक्षामित्रों को मिली सहूलियत

लखनऊ, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । योगी सरकार की पहल से उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा सुधार को नई गति मिल रही है। प्रदेश के कुल 1.32 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 1.48 करोड़ छात्रों और यहाँ कार्यरत 5.75 लाख से अधिक शिक्षकों और शिक्षामित्रों के लिए अब कक्षा-3 की हिंदी और गणित विषय की शिक्षक संदर्शिकाएँ ‘किताब वितरण ऐप’ के माध्यम से वितरित की जा रही हैं। इस संदर्शिका को प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के उपयोगार्थ विकसित किया गया है। यह शिक्षक डायरी के उपयोग, रखरखाव और वितरण आदि के सम्बन्ध में सभी सूचनाएं/निर्देश उपलब्ध कराती है।

स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि यह प्रयास शिक्षा सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे सरकार को वास्तविक समय में जानकारी मिलेगी, संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और शिक्षण की गुणवत्ता में ठोस सुधार सुनिश्चित होगा।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था आज अभूतपूर्व बदलाव के दौर से गुजर रही है। राज्य के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 1.48 करोड़ बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए हमारे 5.75 लाख से अधिक शिक्षक और शिक्षामित्र पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गुणवत्तापरक शिक्षा, बेहतर सुविधाओं और पारदर्शी व्यवस्था को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, ‘हर बच्चे तक उत्कृष्ट शिक्षा पहुँचाना और उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाना।

तकनीक से पारदर्शिता और समयबद्धताशिक्षक संदर्शिकाओं की आपूर्ति और रिपोर्टिंग अब पूरी तरह से तकनीकी माध्यम पर आधारित है। किताब वितरण ऐप के माध्यम से प्रत्येक विद्यालय में प्राप्त पुस्तकों की स्कैनिंग और ऑनलाइन अभिलेखन किया जा रहा है। इस प्रणाली से राज्य स्तर से सीधे निगरानी की सुविधा उपलब्ध है और समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है।

शिक्षकों और छात्रों दोनों को लाभपरिषदीय विद्यालयों के 6 लाख से अधिक शिक्षक अब बेहतर शिक्षण पद्धति अपनाने में सक्षम हो गए हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव हुआ है। इससे 1.48 करोड़ छात्र सीधे लाभान्वित होंगे और कक्षा-3 के लिए हिंदी और गणित की पढ़ाई अब और अधिक प्रभावी व सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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