
कोलकाता, 14 जून (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कोलकाता के प्रसिद्ध सांस्कृतिक व्यक्तित्व, लेखक और परोपकारी संदीप भूतोरिया को विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (वीएमएच) के ट्रस्टी बोर्ड में तीन वर्ष की अवधि के लिए नामित किया है।
नामांकन पर प्रतिक्रिया देते हुए भूतोरिया ने सोमवार को कहा कि विक्टोरिया मेमोरियल हॉल बंगाल की आत्मा में रचा-बसा एक सांस्कृतिक, कलात्मक और स्थापत्य प्रतीक है। बंगाल और भारत की इस ऐतिहासिक विरासत से जुड़कर मुझे गर्व और सम्मान की अनुभूति हो रही है।
संदीप भूतोरिया वर्तमान में कोलकाता स्थित इंडियन म्यूजियम के ट्रस्टी बोर्ड में भी सेवा दे रहे हैं। वे लंदन की रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स के फैलो हैं, रॉयल ओवरसीज लीग लंदन, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी), इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी), राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के सदस्य हैं और ‘एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट’ के ट्रस्टी भी हैं।
वे संस्कृति मंत्रालय की ‘कलात्मक कार्य और निर्माण अनुदान समिति’ के विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं, साथ ही इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) की सलाहकार समिति के सदस्य और ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (ईजेडसीसी) के ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी बैठकों में किया है। वर्ष 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा शुरू की गई ‘डब्ल्यूएफयूएनए फाउंडेशन’ की स्थापना में उनकी प्रमुख भूमिका रही है, जो संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों को भारत में बढ़ावा देती है और युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करती है।
वे प्रभा खेतान फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी भी हैं, जिसके माध्यम से वे भारत, यूरोप, अमेरिका और पश्चिमी एशिया में भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश की लोक कलाओं के संरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। फाउंडेशन बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े सामाजिक कार्यों में भी शामिल है।
भूतोरिया ने ‘एन ऑथर्स आफ्टरनून’, ‘आखर’, ‘चौपाल’, ‘एक मुलाकात’, ‘कलम’, ‘किताब’, ‘लफ़्ज़’, ‘टे-आ-टी’, ‘द राइट सर्कल’ और ‘द यूनिवर्स राइट्स’ जैसे कई चर्चित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की परिकल्पना की है, जो देश और विदेश के साहित्यिक समूहों को एक मंच पर लाते हैं।
वे पेट्रोनैट एलएनजी लिमिटेड के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं और कई कंपनियों के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) परियोजनाओं से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त, वे कोलकाता के प्रतिष्ठित नागरिकों के संगठन ‘द बंगाल’ और कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए शुरू की गई ‘प्रणाम’ योजना से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं।
एक प्रखर लेखक और विश्वयात्री भूटोरिया ने ‘द सफारी’, ‘चाइना डायरी’, ‘द नॉर्वे डायरी’, ‘ग्लोबल देसी’, ‘कलकत्तास्केप’, ‘आप बीती जग बीती’, ‘द बेड़ा बॉन्ड’, ‘अमर कोलकाता’ और ‘माय लाइफ माय ट्रैवल्स’ जैसी कई पुस्तकें भी लिखी हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
