
खाचरोद, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मालवा के संत श्री श्री 1008 मंगल दास जी महाराज गुरुवार सुबह अपनी देह त्याग बैकुंठ धाम प्रस्थान कर गए । महाराज के बैकुंठ धाम की खबर जैसे ही उज्जैन संभाग क्षेत्र में फैली वैसे ही श्रद्धालुओं का उनके आश्रम रूपनगर फंटे पर मेला लग गया।
महाराज जी का आश्रम महू-नीमच स्टेट हाईवे पर जावरा से 10 किलोमीटर दूर पर स्थित है। महाराज मूल रूप से खाचरोद तहसील के निवासी थे। महाराज मंगल दास जी ने खाचरोद में करोड़ों की लागत से खेड़ापति हनुमान मंदिर का निर्माण हाल ही में किया है।
महाराज का शरीर अंतिम दर्शन के लिए खाचरोद लाया गया। यहां पर खेड़ापति हनुमान मंदिर से दोपहर को उनकी अंतिम यात्रा निकाली। अंतिम यात्रा खाचरोद के विभिन्न मार्गो से होती हुई गांव बोरदिया पहुंचेगी वहां पर अंतिम दर्शन के बाद गांव नामली जिला रतलाम में उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। नामली मैं उनके अंतिम दर्शन के बाद उनका शरीर उनके आश्रम पर ले जाया जाएगा जहां पर उन्हें समाधि दी जाएगी। महाराज के अंतिम दर्शन के समय कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्त लोग मौजूद थे। इस मौके पर विधायक डॉक्टर तेज बहादुर सिंह चौहान, पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत, खाचरोद नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद भरावा, जनपद पंचायत अध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह पंवार सहित कई राजनेता और गणमान्य मौजूद थे।
60 वर्षों से नहीं किया भोजन
महाराज मंगल दास जी लाखों श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र थे। महाराज ने स्वयं ने 60 वर्षो से भोजन नहीं किया, लेकिन अपने आश्रम से किसी को भूखा नहीं जाने देते थे। उनके आश्रम पर भोजन की भट्टी 24 घंटे जलती रहती थी।
—————
(Udaipur Kiran) / Ravindra singh Raghuvanshi
