
रामगढ़, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर में शातिर ठगों की ओर से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी की गई है। यह मामला तब उजागर हुआ जब ठग गिरोह के चंगुल से बाहर निकाल कर मजदूर रामगढ़ थाना पहुंचे। बुधवार को रामगढ़ थाना पहुंचे मजदूर ने पुलिस को बताया कि साबिर हुसैन नामक युवक ने उन लोगों को ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था। झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश के मजदूरों को भी उसने ऐसा ही झांसा दिया और सभी से लाखों रुपये की ठगी कर ली।
रजरप्पा थाना क्षेत्र के होन्हे गांव निवासी सोमनाथ महतो की ओर से रामगढ़ पुलिस को आवेदन दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके साथ उनके गांव के ही कमलनाथ महतो, बोकारो जिले के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के मंगरो गांव निवासी श्यामलाल महतो, हजारीबाग जिले के चरही थाना क्षेत्र अंतर्गत बासाडीह गांव निवासी सियाराम महतो, गिरिडीह जिले के बिरनी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलाटांड़ निवासी अमल राम, निमियाघाट थाना क्षेत्र के बिखनीडीह निवासी सुरेश महतो और जितेंद्र कुमार से कुल मिलाकर चार लाख 75 हजार रुपये की ठगी की गई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के आधा दर्जन मजदूरों से भी लाखों रुपये की ठगी होने का अनुमान है। रामगढ़ पुलिस अब इस पूरे मामले के छानबीन में जुट गई है।
किन मजदूरों से लिए गए कितने रुपए
साबिर हुसैन मूल रूप से रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रतवे, मस्जिद टोला का रहने वाला है। वह रामगढ़ थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रहता है। उसने सभी मजदूरों को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। सोमनाथ महतो ने 75 हजार, कमलनाथ महतो ने 90 हजार, श्यामलाल महतो ने 81 हजार, सिया राम महतो ने 85 हजार , अमल कुमार ने 27 हजार, सुरेश महतो ने 57 हजार और जितेंद्र कुमार ने 60 हजार रुपए साबिर हुसैन को दिए थे।
दिल्ली और कोलकाता से मजदूरों को साबिर ने वापस लौटाया
सोमनाथ महतो ने पुलिस को बताया कि साबिर हुसैन ने सभी सात मजदूरों का पासपोर्ट अपने पास रखा। कोलकाता में उन लोगों का मेडिकल करवाया। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट के पास ले जाकर वापस लौटा दिया। दिल्ली में लगभग आठ दिनों तक होटल में उन लोगों को रखा गया। इस दौरान भी उनकी जेब से हजारों रुपये खर्च हो गए। उस वक्त अत्यधिक बारिश होने की वजह से फ्लाइट कैंसिल होने का बहाना बनाया गया। इसके बाद दोबारा कभी भी उन मजदूरों की फ्लाइट ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं उड़ी।
कोविड में घर लौटे मजदूर विदेश की नौकरी के लालच में फंसे
सोमनाथ महतो ने पुलिस को बताया कि वह कई वर्षों तक बेंगलुरु में काम कर चुके हैं। इसके बाद उन्होंने कुवैत में भी जाकर नौकरी की। कोविड के दौरान जब वह घर लौटे, उसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई। उन लोगों ने एक बार फिर विदेश की नौकरी करनी चाही। इस दौरान उनका संपर्क साबिर हुसैन से हुआ। कुवैत में नौकरी के दौरान मध्य प्रदेश के कुछ मजदूरों से भी उनके ताल्लुकात थे। उन लोगों के साथ भी साबिर हुसैन की बात हुई। वे लोग भी अब साबिर हुसैन के घर पैसे वापस मांगने के लिए दौड़ रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
