वियना, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । रूस यूक्रेनी युद्धबंदियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कानून के व्यापक और सुनियोजित उल्लंघनों का जिम्मेदार है, जिसमें मनमानी हत्याएं और फांसी शामिल हैं। यह खुलासा यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (ओएससीई) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है।
वियना स्थित संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, रूस युद्धबंदियों के साथ यातना, अमानवीय व्यवहार, निष्पक्ष सुनवाई के अधिकारों से वंचित करना और असुरक्षित हिरासत एवं स्थानांतरण जैसी गंभीर उल्लंघन कर रहा है।
तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों की इस जांच में पाया गया कि रूस यूक्रेनी सैनिकों को युद्धबंदी के रूप में मान्यता ही नहीं देता। इससे उन्हें केवल शत्रुता में भाग लेने के लिए ही आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “जांच में बड़ी संख्या में मनमानी हत्याएं और फांसी दर्ज की गईं, जो रूसी संघ के जिम्मे आती हैं, और ये घटनाएं युद्धक्षेत्र तथा हिरासत दोनों जगह हुईं।”
अनुमान के अनुसार, फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से कम से कम 13,500 यूक्रेनी सैनिकों को कैद किया गया है। इनमें से लगभग 169 की कैद में मौत हो चुकी है, करीब 6,800 को रिहा कर स्वदेश लौटाया गया है, जबकि लगभग 6,300 अब भी हिरासत में हैं।
रिपोर्ट ने डोनेट्स्क क्षेत्र की ओलेनिव्का जेल का उल्लेख किया, जिसे “विशेष रूप से घृणित मामला” बताया गया, जहां युद्धबंदियों के खिलाफ व्यवस्थित उल्लंघन किए गए।
ओएससीई विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) से आग्रह किया है कि वह युद्धबंदियों के खिलाफ इन अपराधों की जांच को आगे बढ़ाए।
जुलाई में 57 सदस्य देशों में से 41 ने रूस द्वारा यूक्रेनी युद्धबंदियों के साथ किए जा रहे व्यवहार की जांच के लिए ओएससीई से अनुरोध किया था।
यह रिपोर्ट ओएससीई द्वारा शुरू किए गए मॉस्को मैकेनिज्म के तहत जारी कई दस्तावेजों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिनमें रूस पर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
