
जयपुर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । राइट टू एजुकेशन (आरटीई) को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा हैं। सोमवार को शिक्षा संकुल परिसर में संयुक्त अभिभावक संघ ने आरटीई से पीड़ित अभिभावक की आवश्यक मीटिंग का आयोजन किया था। जिसमें राजधानी जयपुर के सैकड़ों अभिभावकों ने भाग लिया और आगामी रूपरेखा पर विचार विमर्श किया। उपस्थित अभिभावकों ने सामूहिक रूप से निजी स्कूलों, सरकार और शिक्षा विभाग के प्रति अपना आक्रोश जताते हुए 23 जुलाई को प्रातः 10 बजे से हल्ला बोल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राइट टू एजुकेशन जरूरतमंद और गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाने का सहारा था किंतु स्कूल और सरकार की आपसी राजनीति और लड़ाई इस सहारे को छीनने की योजना बनकर रह गया। आज प्रदेश में स्कूलों को खुले 15 दिन हो गैर है, किंतु शिक्षा विभाग द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार आरटीई में दाखिला प्राप्त 80 हजार बच्चों की शिक्षा अब शुरू तक नहीं है, जिसके चलते अभिभावक आक्रोशित है, बच्चे अभिभावकों से हर रोज पूछ रहे है हम कब स्कूल जाएंगे जिसके चलते अभिभावकों मानसिक तनाव लगातार गहराता जा रहा है और शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा विभाग के चक्कर काट काट कर तक गए है किंतु कहीं न्याय नहीं मिल रहा है। इसको ध्यान में रखकर सभी अभिभावक सोमवार को एकत्रित हुए और 23 जुलाई 2025 को प्रातः 10 बजे शिक्षा संकुल के मुख्य द्वार पर आरटीई में दाखिले से पीड़ित सभी अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और महामंत्री संजय गोयल ने बताया कि मीटिंग के दौरान अभिभावकों ने जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुशील सिंहल से भी मुलाकात कर अपनी पीड़ाओं से अवगत करवाया। इस दौरान उन्हें अभिभावकों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा किंतु सुशील सिंहल ने सभी अभिभावकों को आश्वस्त किया कि वह पूरी निष्ठा के साथ प्रत्येक अभिभावक और अपनी ड्यूटी से जुड़ा हु क्योंकि मामला कोर्ट में बाधित है इसलिए उनके हाथ बंधे हुए, फिर भी शिक्षा सचिव के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया जा रहा हैं जो सोमवार या मंगलवार पर गठित होने की पूरी उम्मीद है।
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(Udaipur Kiran)
