
खड़गपुर, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दक्षिण पूर्व रेलवे के शालीमार रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने अपनी तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तीन नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया। यह कार्रवाई आरपीएफ की “नन्हे फ़रिश्ते” पहल के तहत की गई, जिसका उद्देश्य रेलवे परिसरों में अकेले या असहाय स्थिति में पाए जाने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नियमित गश्त के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने स्टेशन के पीआरएस काउंटर के बाहर तीन किशोरों को संदिग्ध अवस्था में देखा। पूछताछ में पता चला कि तीनों रोजगार की तलाश में ओडिशा जाने का इरादा रखते थे, परंतु उनके पास न तो टिकट था और न ही यात्रा की कोई वैध अनुमति। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वे अपने माता-पिता को बिना बताए घर से निकल आए थे और आगे की यात्रा को लेकर अनिश्चित थे।
आरपीएफ कर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों बच्चों को अपने संरक्षण में लिया। उनके पास से दो मोबाइल फोन और कपड़ों का एक छोटा बैग मिला। बाद में आवश्यक सत्यापन के पश्चात तीनों नाबालिगों को चाइल्ड हेल्पलाइन, हावड़ा को आगे की देखभाल और परामर्श के लिए सौंप दिया गया।
बचाए गए बच्चों की पहचान -आयु 15 वर्ष, मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत उत्तर मोहम्मदपुर निवासी, आयु 14 वर्ष, मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत जलादिपुर निवासी, आयु 16 वर्ष, मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत नतुन शिवपुर निवासी के रूप में हुई है।
रेलवे सुरक्षा बल ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई “नन्हे फ़रिश्ते” पहल की सफलता को दर्शाती है। इस पहल का उद्देश्य न केवल बच्चों को असुरक्षा की स्थिति से बचाना है, बल्कि उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान कर समाज की मुख्यधारा में पुनः जोड़ना भी है।
दक्षिण पूर्व रेलवे प्रशासन ने आरपीएफ की तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की है।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयाँ रेलवे को केवल यात्रा का माध्यम ही नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का सेतु भी बनाती हैं।
(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता
