
शिमला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर एक बार फिर लोगों के लिए मुसीबत बनकर टूटा है। रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक हुई मूसलाधार बारिश ने प्रदेश का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया। कई जिलों के उपमंडलों में स्कूल बंद, किन्नर कैलाश यात्रा रोक दी गई है। जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं, नदी-नाले उफान पर हैं और कई डैमों से पानी छोड़े जाने से खतरा और बढ़ गया है। शिमला, मंडी, कांगड़ा, चंबा, सिरमौर, सोलन, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में भारी बारिश हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में कांगड़ा के गग्गल में सबसे ज्यादा 150 मिमी बारिश दर्ज हुई। नगरोटा सुर्रियाँ में 130 मिमी, मंडी के संधोल और चम्बा के चुआडी में 120-120 मिमी, मंडी और घुमारवीं में 110 मिमी, जोगिंदरनगर और नाहन में 100 मिमी, जबकि रेणुका, पंडोह और पच्छाद में 90 मिमी वर्षा हुई। 22 जुलाई को कांगड़ा और चम्बा जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट और ऊना, मंडी व सिरमौर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 23 से 27 जुलाई तक भी कई जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।
कोलडैम, लारजी डैम और नाथपा बांध से पानी छोड़ा गया है, जिससे नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा न करें और नदी-नालों के पास न जाएं।
भारी बारिश के कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और सिरमौर के कई उपमंडलों में सोमवार को स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे। किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश यात्रा भी एक दिन के लिए रोकी गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में सोमवार शाम तक 3 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 398 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 242 सड़कें, कुल्लू में 55, सिरमौर और शिमला में 27-27, चंबा में 25 और कांगड़ा में 11 सड़कें प्रभावित हुई हैं। मंडी में दो और सिरमौर में एक नेशनल हाईवे भी बंद है।
मंडी में 294, कुल्लू में 186 और हमीरपुर में 117 ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली आपूर्ति ठप है। चंबा में 57, मंडी में 49 और शिमला में 23 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
शिमला के जुब्बल क्षेत्र की अंटी-छाजपुर सड़क पर एक कार पेड़ और मलबे की चपेट में आ गई, गनीमत रही कि दोनों लोग सुरक्षित निकल आए। चौड़ा मैदान के पास लैंडस्लाइड से पुनीत ठाकुर की कार मलबे में दब गई, तीन लोग सवार थे, सभी सुरक्षित हैं लेकिन पुनीत को हल्की चोट आई।
संजौली कॉलेज के पास दो बड़े पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई और दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। शिमला-चौपाल मार्ग पर भी कई जगह पेड़ गिरने से सेब से लदे ट्रक और अन्य वाहन फंसे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग-707 सतोन और उतरी गांव के पास भूस्खलन से बंद हो गया, जिससे शिलाई क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया। इससे सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर उगाने वाले किसानों को हो रहा है। फसल खेतों में सड़ रही है। वहीं, दफ्तर जाने वाले, स्कूली बच्चे और मरीजों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
चम्बा जिले के ग्राम पंचायत चढ़ी के सूताह गांव में रविवार रात मकान पर चट्टान गिरने से पति-पत्नी की मौत हो गई। महिला पांच दिन पहले मायके आई थी और उसका पति उसे वापस लेने आया था, लेकिन हादसा हो गया।
मानसून सीजन में अब तक 132 लोगों की मौत, 223 घायल और 34 लोग लापता हैं। मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा 21-21 लोगों की मौत हुई है। कुल्लू में 15, चम्बा में 14, शिमला में 11, सोलन और हमीरपुर में 10-10 और ऊना में 9 लोगों की मौत हुई है।
अब तक 393 मकान, 276 दुकानें और 1007 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो गई हैं, जबकि 769 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। करीब 1246 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। मंडी जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां 936 घरों को नुकसान पहुंचा, जिनमें से 365 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। मंडी में 253 दुकानें और 805 गौशालाएं भी धराशायी हुईं।
राज्य में अब तक भूस्खलन की 24, फ्लैश फ्लड की 36 और बादल फटने की 23 घटनाएं सामने आई हैं। मंडी में बादल फटने की 15, फ्लैश फ्लड की 11 और भूस्खलन की 4 घटनाएं हुई हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
