
शिमला, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य की बहुप्रतीक्षित रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डवेल्पमेंट प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत चरण-1 की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। यह परियोजना शिमला शहर में शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह परियोजना लगभग 13.79 किलोमीटर लंबी रोपवे लाइन को विकसित करने का लक्ष्य रखती है जो शिमला के प्रमुख स्थलों को आपस में जोड़ेगी। लगभग 1734.70 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की जा रही है, इससे न केवल शहर में यातायात जाम और प्रदूषण की समस्या में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी यह एक टिकाऊ और हरित समाधान होगा।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के लिए 6.1909 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की सैद्धांतिक मंज़ूरी आधार पर दी गई है, जिसमें सभी पर्यावरणीय और संवैधानिक प्रावधानों का पालन किया जाएगा। इस रोपवे परियोजना के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पर्यटकों को एक नया अनुभव प्राप्त होगा।
अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला के नागरिकों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है। यह परियोजना राज्य सरकार के संकल्प ‘हरित और आधुनिक हिमाचल’ की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने केंद्र सरकार और विशेष रूप से पर्यावरण मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस महत्त्वपूर्ण परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की।
उन्होंने कहा कि परियोजना के क्रियान्वयन में पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सभी निर्माण गतिविधियां वन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होंगी।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोपवे शिमला के परिवहन तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इससे यातायात का दबाव कम होगा, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और पर्यावरणीय दृष्टि से स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
