
जम्मू, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रोहिन चंदन ने बनिहाल में साप्ताहिक मेगा जनसम्पर्क एवं शिकायत निवारण शिविर आयोजित करने के लिए उपायुक्त रामबन मोहम्मद अलयास खान के अनुकरणीय प्रयासों की तहे दिल से सराहना की है। स्थानीय जनता की चिंताओं का समाधान करने के उद्देश्य से आयोजित यह पहल शासन और लोक कल्याण के प्रति एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक सहभागिता के लिए एक उल्लेखनीय मिसाल कायम की है।
शिविर के दौरान डीसी मोहम्मद अलयास खान ने बनिहाल की विभिन्न पंचायतों और नगरपालिका क्षेत्र के निवासियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। जन प्रतिनिधिमंडलों और व्यक्तिगत आवेदकों ने सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे के विस्तार से लेकर राष्ट्रीय परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन तक कई तरह की माँगें उठाईं। शिकायत निवारण शिविर ने लोगों को प्रशासन के समक्ष सीधे अपनी समस्याएँ रखने का एक मंच प्रदान किया जिससे शासन में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ा।
रोहिन चंदन ने अपने वक्तव्य में आम जनता की सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए डीसी रामबन की प्रशंसा की। चंदन ने कहा ऐसी साहसी और जन-केंद्रित पहल इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण है कि प्रशासनिक नेतृत्व सरकार और नागरिकों के बीच की खाई को कैसे पाट सकता है। मोहम्मद अलयास खान के प्रयास न केवल सराहनीय हैं बल्कि बनिहाल के लोगों की बुनियादी समस्याओं के समाधान में भी सहायक हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये शिविर यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं कि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे खासकर दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में।
उन्होंने प्रशासन और जनता के बीच संबंधों को मज़बूत करने में ऐसे आउटरीच कार्यक्रमों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। बेहतर बुनियादी ढाँचे, बेहतर नागरिक सुविधाओं और रोज़गार के अवसरों की माँगों को सुनकर डीसी रामबन ने शासन का एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है जो लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देता है। चंदन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अन्य उपायुक्तों से मोहम्मद अलयास खान के पदचिन्हों पर चलने और हाशिए पर पड़े व ज़रूरतमंद लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इसी तरह की पहल करने का आग्रह किया।
बनिहाल में शिकायत निवारण शिविर ने उत्तरदायी और समावेशी शासन के लिए एक मानक स्थापित किया है। यह सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोज़गार से संबंधित मुद्दों के समाधान में सीधे संवाद के महत्व को रेखांकित करता है। इन शिविरों में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी उनके कल्याण के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता में उनके विश्वास को दर्शाती है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
