
कोलकाता, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर रेप और मर्डर पीड़िता के पिता ने सोमवार को आरोप लगाया कि उनकी पत्नी की चोट का कारण निजी अस्पताल ने बदल दिया। उनकी पत्नी नौ अगस्त को ‘नवान्न अभियान’ के दौरान पुलिस कार्रवाई में घायल हुई थीं और उन्हें सिर में चोट लगी थी। इलाज के लिए उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें रविवार को छुट्टी दे दी गई थी।
पीड़िता के पिता का कहना है कि अस्पताल ने डिस्चार्ज रिपोर्ट में मरीज का बयान शामिल नहीं किया, जिसमें उन्होंने पुलिस पिटाई से चोट लगने की बात कही थी। पिता और उनके वकील ने जब इस पर आपत्ति जताई तो अस्पताल ने रिपोर्ट में संशोधन किया और नई रिपोर्ट में पुलिस कार्रवाई से चोट लगने का उल्लेख किया वह भी बहुत कहने पर ।
नियमों के अनुसार, किसी भी घायल मरीज को भर्ती करते समय डॉक्टर को चोट का कारण पूछकर मेडिकल रिपोर्ट में दर्ज करना होता है। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनकी पिटाई की, जिससे उन्हें चोट आई। लेकिन डिस्चार्ज के समय मिली रिपोर्ट में पुलिस कार्रवाई का जिक्र नहीं था, केवल यह लिखा था कि रैली में हादसे में चोट लगी।
पीड़िता के पिता ने कहा है कि डिस्चार्ज के समय दिखाई गई रिपोर्ट, उस रिपोर्ट से अलग थी जिस पर मैंने भर्ती के समय हस्ताक्षर किए थे। नई रिपोर्ट में केवल रैली में हादसे का जिक्र था, पुलिस कार्रवाई का नहीं। इस मामले में शिकायत दर्ज करने की जरूरत है।
निजी अस्पताल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। परिवार अब इस मुद्दे को कोलकाता हाईकोर्ट में उठाने पर विचार कर रहा है। कोर्ट इस मामले में 11 अगस्त को सुनवाई करने वाला है, जिसमें पीड़िता के परिवार ने हत्या और रेप की दोबारा जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह रेप और हत्या की पहली बरसी पर शनिवार को ‘नवान्न अभियान’ के दौरान भारी हिंसा हुई थी। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प के बीच पीड़िता की मां की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पीड़िता की मां और भाजपा नेताओं का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई में उनके हाथ की शंख-बाला टूट गई, जो हिंदू विवाहित महिलाओं का पारंपरिक प्रतीक माना जाता है। इस मामले में कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने कहा है कि सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि पीड़िता की मां के साथ मारपीट हुई थी या नहीं।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
