Uttar Pradesh

चिकित्सा में क्रांति: राफेलो तकनीक से गोरखपुर में नई उम्मीद

युद्धभूमि से ऑपरेशन थियेटर तक पहुँची रेडियो फ्रीक्वेंसी, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल बना साक्षी*

गोरखपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । विज्ञान की प्रगति ने आज एक बार फिर मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया जब शाही ग्लोबल हॉस्पिटल, तारामंडल में अत्याधुनिक राफेलो तकनीक (रेडियो फ्रीक्वेंसी अबलेजन) से शल्य चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह वही तकनीक है जिसका उपयोग अब तक युद्धभूमि में दुश्मन के राडार और फाइटर जेट को गिराने के लिए किया जाता था, किंतु अब यही ऊर्जा चिकित्सा विज्ञान में उतरकर मरीजों को जीवनदान देने लगी है। यूरोप और यूके में डेढ़ वर्ष पूर्व विकसित यह विधि भारत में तेजी से स्थापित हो रही है और पूर्वांचल की धरती पर पहली बार इसका सफल प्रयोग शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में किया गया।

कार्यशाला में दस मरीजों पर सफल ऑपरेशन संपन्न हुए जिनमें बवासीर, भकंदर, फिस्टुला, फिशर और वैरिकोज वेन्स जैसी जटिल बीमारियों का सहज, सुरक्षित और प्रभावी इलाज किया गया। यह तकनीक न केवल कम दर्द और कम खर्च में मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देती है बल्कि समय की बचत भी सुनिश्चित करती है। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया, गोरखपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रमुख रूप से डॉ. ए.के. सिंह, डॉ. जे.पी. जायसवाल (निदेशक, लाइफ केयर हॉस्पिटल), डॉ. आशीष खेतान (फातिमा हॉस्पिटल) और डॉ. नीलम यादव (प्लास्टिक सर्जन, समीक्षा हेयर ट्रांसप्लांट, कॉस्मेटिक एंड इनफर्टिलिटी सेंटर) उपस्थित रहे। उनके साथ शहर के अनेक विशिष्ट चिकित्सकों ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन की शोभा बढ़ाई।

गोरखपुर के चिकित्सक हमेशा से चिकित्सा क्षेत्र की नई-नई तकनीकों को अपनाने में अग्रणी रहे हैं और यही कारण है कि यहां के मरीजों को समय पर, सुलभ और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलती रही हैं। शाही ग्लोबल हॉस्पिटल ने एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि चिकित्सा सेवा का उद्देश्य केवल इलाज नहीं, बल्कि आम जनमानस को जीवन की नयी दिशा देना भी है।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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