Madhya Pradesh

धार जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने का लिया गया संकल्प

Sankalp liya

धार, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ वसुधा विकास संस्थान ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। यह अभियान केंद्र सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत कार्यक्रम के एक वर्ष पूरा होने पर शुरू हुआ है। संस्था ने कहा कि वह जिले के प्रत्येक गांव और वार्ड स्तर तक इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए व्यापक स्तर पर काम करेगी। धार के पास के ग्राम देलमी में आयोजन किया गया।

अभियान के तहत स्कूलों–कॉलेजों, धार्मिक स्थलों, विवाह से जुड़े सेवा प्रदाताओं जैसे बैंड, टेंट, कैटरर्स और पुरोहितों को जागरूक किया जाएगा, ताकि बाल विवाह की किसी भी कोशिश को समय रहते रोका जा सके। संस्था ने गुरुवार को बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार इस अपराध में सहयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति—चाहे मेहमान हों या विवाह से जुड़े पेशेवर—पर कानूनी कार्रवाई संभव है।

वसुधा विकास संस्थान देश के सबसे बड़े नेटवर्क ‘‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’’ का सहयोगी संगठन है, जिसके 250 से अधिक पार्टनर संगठन 451 जिलों में काम कर रहे हैं। संस्था के अनुसार, बीते एक वर्ष में नेटवर्क ने देशभर में एक लाख से अधिक बाल विवाह रोके हैं।

गुरुवार को अभियान की वर्षगांठ पर संस्था ने धार जिले में स्कूलों, ग्रामीण समुदायों और शहरी क्षेत्रों में शपथ कार्यक्रम आयोजित किए और लोगों को कानून व बाल अधिकारों के बारे में जानकारी दी। अभियान तीन चरणों में चलेगा। पहला चरण 31 दिसंबर तक शैक्षणिक संस्थानों पर केंद्रित रहेगा। दूसरा चरण जनवरी माह में धार्मिक स्थलों और विवाह से जुड़े पेशेवरों पर केंद्रित होगा। तीसरा और अंतिम चरण 8 मार्च 2026, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूरा होगा, जिसमें पंचायतों, वार्डों और समुदाय आधारित प्रयासों पर जोर रहेगा। संस्था का कहना है कि सामूहिक प्रयास से धार जिले को एक वर्ष में बाल विवाह मुक्त बनाया जा सकता है।

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(Udaipur Kiran) / Gyanendra Tripathi