
गुरुग्राम, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा में रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए वार्षिक अवकाश नीति लागू कराने के लिए प्रयासरत यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) को सफलता मिली है। सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए इसे जमीनी स्तर पर लागू कर दिया है।
रेजीडेंट डॉक्टर्स के हित में एक ऐतिहासिक फैसला हरियाणा में आया है। हरियाणा एवं चंडीगढ़ के यूडीएफ के अध्यक्ष डॉ. अमित व्यास नेतृत्व में जो मुहिम चलाई गई, उसने राज्य के हजारों डॉक्टर्स को उनका साप्ताहिक, आकस्मिक और वार्षिक अवकाश वापस दिलाया। पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक द्वारा पांच फरवरी 2025 को आदेश जारी किए गए थे। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अब से रेजिडेंट डॉक्टर प्रतिवर्ष 52 में से केवल 10 रविवारों को कार्य करेंगे। बदले में उन्हें 10 अतिरिक्त अवकाश मिलेंगे। इसके अलावा उन्हें 20 आकस्मिक छुट्टियां भी दी जाएंगी।
इस अधिकार को वापस पाने के लिए यूडीएफ की राज्य टीम ने लगातार सरकार, स्वास्थ्य विश्वविद्यालय और विधायकों के साथ संघर्ष किया। डॉ. अमित व्यास ने अपनी टीम के साथ मिलकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, विधायक सावित्री जिंदल तथा यूनिवर्सिटी के कुलपति व डीन से कई बार भेंट की। हर मंच पर डॉक्टरों की आवाज को मजबूती से उठाया। इस मुहिम को राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल का भी पूर्ण समर्थन रहा, जिन्होंने पूरे देश में इसे हर मेडिकल कॉलेज में लागू करने की मांग रखी। उनके मार्गदर्शन में डॉ. अमित व्यास और उनकी टीम ने यह साबित किया कि संगठित प्रयास से डॉक्टरों के हक की लड़ाई जीती जा सकती है।
(Udaipur Kiran)
