शिमला, 22 जून (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने देश में लागू जातिगत आरक्षण व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे आर्थिक आधार पर लागू करने की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र तंवर ने रविवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि आज के समय में समाज में वास्तविक समरसता तभी संभव है जब सभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को समान अवसर प्रदान किए जाएं, न कि केवल जाति के आधार पर कुछ वर्गों को पीढ़ी दर पीढ़ी लाभ मिलता रहे।
महेंद्र तंवर ने कहा कि आज स्थिति यह है कि जातिगत आरक्षण का लाभ एक ही परिवार की कई पीढ़ियों तक सीमित हो गया है, जबकि अन्य वर्गों के गरीब लोगों को इससे वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि आरक्षण नीति की समीक्षा की जाए और इसे आर्थिक स्थिति के आधार पर लागू किया जाए, ताकि समाज में संतुलन और समानता बनी रहे।
इतिहास से छेड़छाड़ पर चिंता जताते हुए कहाकि देश के कई महापुरुषों के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है, इससे युवा पीढ़ी भ्रमित हो रही है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है और सरकार को इसका संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हाेंने मांग की कि देशभर में ‘राजपूत कल्याण बोर्ड’ की स्थापना की जाए, जो क्षत्रिय समाज की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करे। साथ ही, हर राज्य में ‘स्वर्ण आयोग’ का गठन भी आवश्यक है ताकि सामान्य वर्ग की आवाज भी सरकारी नीति-निर्माण में प्रभावी रूप से शामिल हो सके।
महेंद्र तंवर ने स्पष्ट किया कि महासभा का उद्देश्य किसी वर्ग के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज में न्यायपूर्ण व्यवस्था और सामाजिक समरसता कायम करना है। उन्होंने कहा कि केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने से ही देश के गरीबों को वास्तविक न्याय मिल सकता है और सामाजिक असंतुलन की स्थिति में सुधार संभव है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
