
जयपुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को विद्या परिषद (एकेडमिक काउंसिल) की बैठक कुलपति प्रोफेसर रामसेवक दुबे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
विद्या परिषद के संयोजक डॉ. राजधर मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय में पीएचडी और जेआरएफ में पंजीकृत शोधार्थियों को प्रति सप्ताह 6 से 10 कक्षाओं का शिक्षण कार्य आवंटित करने का फैसला लिया गया है। इसका उद्देश्य शोधार्थियों को अध्यापन का व्यावहारिक अनुभव दिलाना और शिक्षकों की कमी के कारण प्रभावित हो रहे कक्षाओं के संचालन को सुचारु करना है।
विश्वविद्यालय प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास ने बताया कि बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नए नियमों के अनुसार पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया गया है। नए नियमों के तहत अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा के स्थान पर सीधे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) और अन्य समकक्ष परीक्षाओं के आधार पर प्रवेश मिलेगा। इससे पहले पीएचडी प्रवेश परीक्षा जनवरी 2025 में आयोजित की गई थी। अब नए नियमों के तहत पीएचडी में प्रवेश हो सकेगा। मंदिर प्रबंधन और पांडुलिपि पाठ्यक्रम पर नवीन कार्स संचालन को भी अनुमति मिली। बैठक में कुलसचिव नरेद्र कुमार वर्मा और सिंडीकेट मेंबर डॉ. स्नेहलता शर्मा सहित अनेक शिक्षाविद उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran)
