
प्रयागराज, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के नवाबगंज थाने में दलित मजदूर हीरालाल की हिरासत में मौत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जवाब के लिए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति संतोष राय की खंडपीठ ने अधिवक्ता मंच के मोहम्मद सईद व प्रमोद कुमार गुप्ता की ओर से हिरासत में उत्पीड़न व मौत पर दाखिल जनहित याचिका पर पक्ष एवं विपक्ष के अधिवक्ताओं को सुनकर दिया है। याचिका के अनुसार नवाबगंज थाने में गत 26 मई को नारेपार बढ़ौना, गांव निवासी दलित हीरालाल(40) की थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद मौत हो गई थी। आरोप है कि परिजनों को मृतक मजदूर के शव को न देखने दिया गया और उन्हें सौंपने की बजाय दारागंज घाट पर जला दिया गया।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच हुई है और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मृत्यु होने की पुष्टि हुई है। याचियों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि दलित मजदूर को उसके परिवार के सामने लाठियों से पीटा गया और उसके बाद थाने ले जाकर थर्ड डिग्री टॉर्चर भी दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। जनहित याचिका में हीरालाल की मौत की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने तथा तीन बच्चों सहित मृतक के परिजनों को 25 लाख का मुआवज़ा प्रदान किए जाने की मांग की गई है।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
