हमीरपुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा जिला हमीरपुर ने वीरवार काे भोरंज विधानसभा के टाउन भराड़ी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर 14-अगस्त-1947 की कहानियों को याद किया, जो आज भी भारत के इतिहास में एक गहरे जख्म की तरह ताज़ा हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि 15-अगस्त-1947 को देश को आजादी मिली लेकिन इसके एक दिन पहले यानी 14-अगस्त-1947 को देश का सबसे गहरा दर्द मिला, जिसकी लाखों कहानियां आज भी भारत के इतिहास में एक गहरे जख्म की तरह शामिल हैं।
उन्होने कहा कि मुगलों और अंग्रेजो की 400 साल से अधिक की गुलामी के बाद देश को आजादी के रूप में एक बड़ी खुशी तो मिली, लेकिन इसके साथ ही बंटवारे का दर्द भी मिला, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के रूप में 2 देशों का जन्म हुआ। ये बंटवारा लाखों लोगों के विस्थापन, हिंसा और अपनों को खोने के दुख की कीमत पर हुआ। बंटवारे की वजह से घर-बार तो छूटे और साथ ही अनगिनत जिंदगियां भी तबाह हो गईं। यह विभीषिका केवल भौगोलिक सीमाओं का बंटवारा नहीं थी, बल्कि दिलों और भावनाओं का भी टूटना था।
राकेश ठाकुर ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार विभाजन के दौरान करीब 10 लाख लोग मारे गए, 1.46 करोड़ लोग बेघर हुए और 50 हजार महिलाओं को बलात्कार का शिकार होना पड़ा। उन्होंने कहा कि बंटवारे की शर्त पर ही उस समय के कमजोर नेतृत्व ने भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाई थी।
वहीं संसदीय प्रभारी अमित शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का विभाजन हुए एक लंबा अरसा गुजर गया है, पर अब भी हमारे आसपास ऐसे तमाम लोग मौजूद हैं, जिन्होंने उस दौर में हुए दंगों में अपनों को खोया।
उन्होंने कहा कि एकाएक बता दिया गया कि पाकिस्तान से घर-बार छोड़कर जाना पड़ेगा। उस पीड़ा को समझ पाना बहुत ही मुश्किल है कि किस तरह वहां से गैर-मुस्लिम समाज के लोगों को जिस अवस्था में थे, उसी में निकलना पड़ा।
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(Udaipur Kiran) / विशाल राणा
