HimachalPradesh

30 फीसदी से ज्यादा फसल नुकसान पर मिलेगी राहत, रिलीफ मैनुअल में होगा संशोधन : कृषि मंत्री चंद्र कुमार

हिमाचल विधानसभा

शिमला, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरूवार को शून्यकाल के दौरान किसानों की फसलों की बर्बादी और स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी जैसे मुद्दे उठे। शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने कांगड़ा जिले सहित प्रदेश के गर्म क्षेत्रों में धान व मक्की की फसलों के खराब होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि खतरनाक कीटों के हमले से खरीफ की फसल बर्बाद हो रही है और किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। फसल का पीला पड़ना किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहा है, ऐसे में वैज्ञानिकों की टीम तुरंत भेजकर रोकथाम के प्रयास किए जाने चाहिए तथा मुआवजे का प्रावधान होना चाहिए।

जवाब में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने स्वीकार किया कि कांगड़ा सहित प्रदेश के कई गर्म क्षेत्रों में धान व मक्की की फसल 30 से 50 फीसदी तक खराब हो चुकी है। वैज्ञानिकों की टीम जांच कर रही है और एंटी-बायोटिक व अन्य दवाओं के छिड़काव की सलाह दी गई है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा रिलीफ मैनुअल में कीटों से हुई फसल क्षति को आपदा की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान नहीं है। सरकार अब नियमों में संशोधन कर 30 प्रतिशत से अधिक खराब हुई फसलों को मैनुअल में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है ताकि किसानों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि लगातार फील्ड विजिट कर स्थिति पर नजर रखी जा रही है और कीट रोकथाम के प्रयास तेज किए गए हैं।

शून्य काल में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा का मुद्दा भी गूंजा। चंबा जिले से विधायक डीएस ठाकुर ने कहा कि डलहौजी के किहार सिविल अस्पताल में एक भी डॉक्टर तैनात नहीं है और स्थिति यह है कि स्थानीय पंचायत प्रधान भूख हड़ताल पर बैठा है। सलूणी अस्पताल में आठ में से केवल एक, जबकि डलहौजी अस्पताल में 13 में से पांच डॉक्टर तैनात हैं। जिले में डॉक्टरों के 23 पद खाली पड़े हैं, वहीं नर्सों व फार्मासिस्ट के 100 से अधिक पद भी रिक्त हैं।

स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने माना कि डॉक्टरों की कमी गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही 200 डॉक्टरों की नियुक्ति करेगी और सुनिश्चित करेगी कि उन्हें दूरदराज के क्षेत्रों में भी तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले कई डॉक्टर बहाने बनाकर ऐसी जगहों पर जाने से बचते थे, लेकिन अब सरकार इस पर सख्ती से अमल करेगी ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं में राहत मिले।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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