
जयपुर, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर में कार्यरत महिला सफाई कर्मी को राहत देते हुए उसके कैंसरग्रस्त पति का ऑपरेशन आरजीएचएस योजना के तहत कैशलेस कराने के आदेश दिए हैं। जस्टिस आनंद शर्मा की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश रेखा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा है कि मामले की तात्कालिकता को देखते हुए यह आदेश दिए जा रहे हैं। यह आदेश उसी सूरज में लागू होगा, जब याचिकाकर्ता यह शपथ पत्र देगी कि यदि याचिका खारिज होती है तो वह इलाज में हुए सभी खर्च के लिए जिम्मेदार होगी।
याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता अलवर नगर निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है। वह राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना यानि आरजीएचएस की लाभार्थी है। योजना के तहत उसके वेतन से स्वत ही संबंधित राशि की कटौती होती है। विभाग ने उसके खाते से आरजीएचएस से जुड़ी राशि काट ली, लेकिन प्रक्रिया में त्रुटि के चलते वह सक्षम अधिकारी तक नहीं पहुंची। याचिका में कहा गया कि उसका पति कैंसर से पीडित है और निकट भविष्य में उसका ऑपरेशन होना है। आरजीएचएस की कैशलेस सुविधा नहीं मिलने के कारण उसके पति के इलाज में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह उसके पति का आरजीएचएस के तहत कैशलेस इलाज कराना सुनिश्चित करे। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रीमियम जमा होने के बाद कार्ड को सक्रिय होने में तीन माह का समय लगता है। यह अवधि पूरी नहीं होने के कारण याचिकाकर्ता को कैशलेस की सुविधा नहीं दी जा सकती। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को कैशलेस इलाज कराने के निर्देश देते हुए याचिकाकर्ता को शपथ पत्र पेश करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
