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(राउंड अपर) हिमाचल में बारिश से राहत, फिर भी अलर्ट जारी, अब तक 80 मौते

शिमला में मौसम

शिमला, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश से राहत मिलती दिखाई दी है। शिमला समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में सोमवार को मौसम साफ रहा और लोगों ने राहत की सांस ली। खासकर शिमला में पिछले दो दिनों से बारिश थमी हुई है और दिन के समय धूप खिली रही। हालांकि मौसम विभाग ने फिर से बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग ने 10 जुलाई तक राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं 11 से 13 जुलाई के बीच भी बारिश के आसार हैं, लेकिन इस दौरान कोई विशेष चेतावनी या अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

अगले 24 घंटों में लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। बीते 24 घंटों में बिलासपुर के आरएल बीबीएम में सर्वाधिक 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि बरठीं में 50 मिमी, ऊना और नैना देवी में 40-40 मिमी तथा गोहर में 30 मिमी वर्षा दर्ज हुई।

मौसम में सुधार आने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार शाम तक प्रदेश में भूस्खलन के कारण 235 सड़कों पर यातायात ठप रहा। साथ ही 163 ट्रांसफार्मर और 174 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिला है, जहां 176 सड़कें, 155 बिजली ट्रांसफार्मर और 158 पेयजल स्कीमें बंद पड़ी हैं। इनकी बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार 20 जून से अब तक वर्षा जनित हादसों में 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 38 लोग घायल हुए हैं। वहीं 31 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 163 घर पूरी तरह से ध्वस्त हुए और 191 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 364 पशुशालाएं और 27 दुकानें भी तबाह हो चुकी हैं।

अब तक के आंकलन के अनुसार मानसून सीजन में हिमाचल को कुल 692 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसमें जलशक्ति विभाग को 391 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 292 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।

मंडी जिले में इस मानसून में सबसे अधिक तबाही हुई है। यहां अकेले 30 जून की रात को 12 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। जिले में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 31 लोग लापता हैं। इसके अलावा कांगड़ा में बाढ़ से 7 और कुल्लू में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं और आम जनता से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जिनके मकान आपदा में तबाह हो गए हैं, वे कहीं भी किराए के घर में रह सकते हैं और सरकार उन्हें प्रति माह 5,000 किराया भत्ता देगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ पूरी तरह खड़ी है और हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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